☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Bihar

डिजिटल सुशासन के लिए आधार सत्यापन ही सबसे प्रमुख माध्यम : विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ

डिजिटल सुशासन के लिए आधार सत्यापन ही सबसे प्रमुख माध्यम : विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ

पटना (PATNA): बिहार के विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि सुदृढ़ डिजिटल गवर्नेंस के लिए “आधार” सबसे प्रमुख माध्यम है. इससे लोगों को न सिर्फ विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा सकता है, बल्कि योग्य लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित हो सकती है. डॉ. एस. सिद्धार्थ बुधवार को राजधानी पटना में बिहार सरकार के सूचना प्रावैधिकी विभाग द्वारा “आधार सत्यापन सह सुदृढ़ डिजिटल सुशासन” विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.

इस कार्यशाला को बिहार सरकार के सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह के अलावा विभाग के विशेष सचिव, यूआईडीएआई के उप महानिदेशक सहित वरीय अधिकारियों ने संबोधित किया. इस कार्यशाला में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि आधार सत्यापन के माध्यम से बिहार में कई फर्जी राशन कार्ड की पहचान की गई है और उन्हें रद्द किया गया है. आधार कार्ड का मामला सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के पास आधार के साथ-साथ कई तरह के कार्ड और उनके नंबर उपलब्ध हैं. जैसे आपके आधार का नंबर कुछ है और आपके मतदाता पहचान पत्र, पैन, बैंक खातों में कुछ और नंबर दिए गए हैं, जिससे सही व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने में कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं. यदि एक व्यक्ति के पास एक ही पहचान पत्र और एक ही यूनिक नंबर उपलब्ध हो तो सही लाभार्थी की पहचान करना आसान हो जाएगा. इससे डिजिटल सुशासन में भी पारदर्शिता आएगी. आधार संख्या किसी भी व्यक्ति के लिए आजीवन वैध होती है और इसे विभिन्न पहचान उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है.

विकास आयुक्त ने कहा कि आधार में व्यक्ति की जनसांख्यिकीय जानकारी यानी उसका नाम, पता, जन्मतिथि, लिंग और बायोमेट्रिक जानकारियां जैसे फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और फोटो शामिल होते हैं. लेकिन बिहार में आधार से जुड़ी कई चुनौतियां भी हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मैं शिक्षा विभाग का कामकाज देख रहा था. मैंने पाया कि बिहार में बच्चों का आधार कार्ड बनवाने में कई तरह की विसंगतियां हैं. जबकि यदि बच्चों का आधार उनके जन्म के साथ ही बनवा लिया जाए तो इन विसंगतियों को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बिहार में बच्चों का स्कूलों में नामांकन बिना आधार के ही हो रहा है. जिससे शिक्षा विभाग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि बिहार सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं.

पाया जा रहा है कि जब बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने का समय आता है तो कई बच्चों के आधार कार्ड में मोबाइल नंबर गलत पाए जाते हैं. इतना ही नहीं, कई बच्चों के नाम, जन्मतिथि और यहां तक कि उनके माता-पिता के नाम भी गलत पाए जाते हैं. यह भी सामने आता है कि बच्चे के आधार कार्ड में जो फोन नंबर दिए गए हैं, वह उसके माता-पिता का नहीं बल्कि आधार केंद्र संचालक का है.

कार्यशाला को संबोधित करते हुए सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि आधार का सत्यापन सरकार के सभी विभागों से जुड़ा मामला है. सरकार जो भी योजना शुरू करती है, उसके लिए आधार सत्यापन को कैसे कारगर बनाया जाए, इस पर विमर्श करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल करने में बिहार देश के छह शीर्ष राज्यों में शामिल है. सरकार का उद्देश्य अपनी योजनाओं का लाभ योग्य व्यक्ति तक पहुंचाना है. यदि इस व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाए तो किसी तरह के प्रमाणपत्र की जांच करना न केवल आसान हो जाएगा बल्कि इसमें समय की भी काफी बचत होगी.

Published at:10 Sep 2025 12:44 PM (IST)
Tags:BIHAR bihar newsbihar sarkar newsbihar sarkarbihar latest newsbihar governmentbihar cm cm nitish kumar
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.