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महिला आरक्षण मोदी का चुनावी झुनझुना!  कांग्रेस का दावा वर्ष 2029 तक मुमकिन नहीं इसका लागू होना

महिला आरक्षण मोदी का चुनावी झुनझुना!  कांग्रेस का दावा वर्ष 2029 तक मुमकिन नहीं इसका लागू होना

TNPDESK- भले ही भाजपा महिला आरक्षण को 2024 के लोकसभा चुनाव के पूर्व अपना मास्टर स्ट्रोक मान रही हो, और इस बात का दावा कर रही हो कि जो काम पिछले कई दशकों से लटका हुआ था, आखिरकार उस काम को मोदी सरकार ने एक झटके में अंजाम तक पहुंचा दिया. यह महिलाओं के सम्मान और भागीदारी के प्रति भाजपा की वचनबद्धता का घोतक है, लेकिन कांग्रेस का सवाल है कि यह लागू कब से होगा?

और यहीं से भाजपा फंसती नजर आने लगती है, क्योंकि खुद मोदी सरकार का मानना है कि इसे कार्यान्वित करने के लिए जनगणना और परिसिमन एक अनिवार्य शर्त होगी, लेकिन तथ्य यह है कि जिस जनगणना को अब तक संपन्न हो जाना चाहिए था, आज तक उसकी शुरुआत भी नहीं हुई है, और शुरुआत तो दूर की बात उस दिशा में कोई पहलकदमी होती भी नहीं दिख रही है. फिर इस हालत में इसे वर्ष 2029 तक हकीकत में तब्दील होता नजर नहीं आता.

जातीय जनगणना से डरे और भागे नहीं

यही कारण है कि जब लोकसभा में राहुल गांधी ने महिला आरक्षण पर अपनी बात की शुरुआत भाजपा को इस चेतावनी के साथ की आप जातीय जनगणना से डरें नहीं, भागे नहीं या तो आप जातीय जनगणना की शुरुआत कीजिये और कांग्रेस सरकार के द्वारा की गयी गणना को सार्वजनिक कर दीजिये, राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि यदि आपने इस सार्वजनिक नहीं किया तो हम इसे जरुर सार्वजनिक करेंगे.

देश की 52 फीसदी ओबीसी की हकमारी पर आमादा है भाजपा

दरअसल कांग्रेस का आरोप है कि विभिन्न राज्यों में जातीय जनगणना की मांग को देखते हुए भाजपा जनगणना से पिंड छोड़ना चाह रही है, ताकि इस देश की 52 फीसदी आबादी की आर्थिक सामाजिक स्थिति का सत्य सामने नहीं आ जाये. यही कारण है कि राहुल गांधी ने भरी संसद में उस सच्चाई को सामने ला दिया जो अब तक कहीं दबी हुई थी, उन्होंने कैबिनेट सेक्रेटरी के स्तर सामाजिक हिस्सेदारी का हवाला देते हुए कहा कि यह जानना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार के 90 कैबिनेट सेक्रेटरी में ओबीसी समुदाय के महज तीन है, इस प्रकार देश के संसाधनों और उसकी प्लानिंग के मामले में सिर्फ पांच फीसदी संसाधनों पर ओबीसी की निगरानी है, यह ओबीसी समुदाय की सामाजिक पिछड़ेपन को सामने लाता है और  इसके साथ ही राहुल गांधी ने महिला आरक्षण में ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए कोटा के अन्दर कोटा की मांग को तार्किक बिन्दू तक पहुंचा दिया.

जिसके बाद से भाजपा जिसे अपना मास्टर स्ट्रोक मान कर खुश हो रही थी, वह मास्टर स्ट्रोक से ज्यादा उसके गलें की फांस बन गयी. जिस महिला आरक्षण से वह सभी महिलाओं को साधने का जुगाड़ बना रही थी, अब्बल तो वह 2029 के पहले तक सरजमीन तक नहीं उतरेगा, इसकी सच्चाई सामने आ गयी और दूसरी ओर ओबीसी समुदाय ने यह बड़ा राजनीतिक संकेत चला गया कि मोदी सरकार ने ना सिर्फ नौकरियों में बल्कि महिला आरक्षण में भी ओबीसी समुदाय की महिलाओं की हकमारी कर, सुविधा संपन्न घरों की महिलाओं के लिए संसद के दरवाजे खोलने का राजनीतिक जुगाड़ किया है.  

Published at:21 Sep 2023 06:26 PM (IST)
Tags:Women's reservation is Modi's election jingleCongress claims its implementation is not possible till 2029rajesh thakur pm modi congress vs bjp
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