पटना(PATNA) एक तरफ जहां भाजपा महिला आरक्षण को 2024 के संग्राम के पहले मोदी का मास्टर स्ट्रोक बताने की महिम में जुट गयी है, और इसे देश की आधी आबादी का सम्मान बताने का दावा कर रही है, वहीं राजद ने इसे देश की 60 फीसदी आबादी वाले पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों के साथ धोखा बताया है.
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि अब्बल तो यह मोदी सरकार का एक और जुमला है, क्योंकि इसे खुद मोदी सरकार लागू करने नहीं जा रही है, क्योंकि बगैर जनगणना रिपोर्ट और परिसिमन करवाये इसका लागू करना नाममुकीन है, इस प्रकार यह 2030 से पहले लागू नहीं होने जा रहा.
तेजस्वी यादव ने कहा कि जब इसे आज से 6 वर्षो के बाद भी लागू करना था इसके लिए विशेष सत्र बुलाने का औचित्य क्या था, आखिर अंतिम समय तक देश को इससे छुपाने की राजनीति क्या थी, साफ है कि वह इस चुप्पी को साध कर पिछड़ों की हकमारी की साजिश कर रही थी, ताकि पिछड़ी जातियों को इस हकमारी की खबर नहीं लगे.
तेजस्वी महिला आरक्षण में पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों की सवाल उठाते हुए कहा कि देश में हर कोई महिला आरक्षण का समर्थन है, लेकिन सवाल यह है कि इसमें अति पिछड़ी और पिछड़ी जातियों की उपेक्षा क्यों की गयी. उनकी हकमारी क्यों की गयी. उनके लिए कोटा के अन्दर कोटा की हमारी मांग को खारिज क्यों किया गया.
तेजस्वी ने इस बात का दावा किया कि आने वाले दिनों में देश की यह 60 फीसदी आबादी भाजपा को इस घोखाधड़ी का जवाब देगी और उसे सत्ता से बाहर करने के लिए ईट से ईट बजाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
महिला आरक्षण के साथ भगवतीया देवी और मुन्नी देवी जैसी महिलाओं के लिए संसद के दरवाजे बंद
तेजस्वी ने इस बात का दावा भी किया पिछड़ों- अतिपिछड़ों और दलितों के प्रति हमारा समर्पण है, राजद ने भगवतीया देवी जैसी पत्थर तोड़ने वाली दलित महिला को संसद भेजा, कपड़ा धोने वाली महिला मुन्नी देवी को विधान परिषद की रास्ता दिखलाया, लेकिन इस महिला आरक्षण से मोदी सरकार ने पिछड़ों-अति पिछड़ों और वंचित वर्ग की महिलाओं के लिए संसद का रास्ता बंद कर दिया, अब इस संसद में सिर्फ उच्च और सभ्रांत घरों की महिलाएं जायेंगी.