Ranchi-झारखंड की हॉट सीट माने जाने वाली धनबाद की सियासत में हर दिन एक नया रंग देखने को मिल रहा है. जिस ढुल्लू महतो के खिलाफ सरयू राय हर दिन आरोपों की नयी फेहरिस्त के साथ युद्ध का सिंहनाद कर रहे थें. बदले सियासी हालत में अब वही सरयू राय ढुल्लू महतो की ढाल बनते हुए दिख रहे हैं और इसकी वजह है चुनावी दंगल का त्रिकोणीय बनने का आसार. यहां याद रहे कि ढुल्लू महतो के खिलाफ जंग का एलान करते वक्त सरयू राय की मंशा महागठबंधन का साथ पाने की थी, निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में महागठबंधन का समर्थन पाने की चाहत थी. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य भी सरयू की इस सियासी ख्वाहीश के साथ खड़े दिखलाई दिए थें. सुप्रियो ने कहा था कि यदि कांग्रेस सरयू राय को समर्थन का एलान करती है, तो झामुमो भी समर्थन विचार कर सकता है. लेकिन कांग्रेस ने इन सियासी हसरतों पर पानी फेरते हुए बेरमो विधायक अनुप सिंह की पत्नी अनुपमा अखाड़े में उतराने का एलान कर लिया, जिसके बाद अनुप सिंह और अनुपमा सिंह ने खुद सरयू राय के घर जाकर जीत का आशीर्वाद पाने की कामना की, लेकिन सरयू राय ने साफ कर दिया कि सियासत अपनी जगह और ससूर-बहू के रिश्ते का सम्मान अपनी जगह और अब जो खबर आ रही है. उसके अनुसार सरयू राय इस सियासी अखाड़े में निर्दलीय उतरने का मन बना चुके हैं, इस प्रकार धनबाद में मुकाबले का त्रिकोणीय होना तय माना जा रहा है. लेकिन सवाल यह है कि इस त्रिकोणीय मुकाबले में जीत की वरमाला किसके हाथ आयेगी और किसकी हसरतों पर तुषारापात होगा?
सरयू राय की इंट्री से किसका होगा खेल खराब?
यहां यह भी बता दें कि सरयू की इस बैटिंग से अलग ढुल्लू महतो की बॉलिंग भी सधी नजर आ रही है, जिसके निशाने पर कांग्रेस का वोट बैंक है. टिकट बंटवारे से नाराज ददुई दुबे से समर्थन का आशीर्वाद इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. दावा किया जाता है कि और भी कई कांग्रेसी नेताओं समर्थन मिल भी सकता है, लेकिन मुख्य सवाल यह है कि सरयू राय जिन वोटों में सेंधमारी करेंगे, वह किसको नुकसान पहुंचायेगा, सवाल यह भी है कि इस बार अल्पसंख्यक मतदाताओं का रुक्षान क्या होगा? क्या वे इस बार जयराम की पार्टी की ओर से मैदान में उतारे गये इकलाख अंसारी के साथ जायेगा, खासकर तब जब कि टिकट बंटवारे को लेकर अल्पसंख्यक समाज के बीच भी नाराजगी की खबर है, इस हालत में यदि अल्पसंख्यक समाज का तीस फीसदी हिस्सा भी इकलाख के साथ खड़ा हो जाता है तो उसके बाद सियासी तस्वीर क्या होगी?
देखने को मिल सकता है कांटे का मुकाबला
इस हालत में धनबाद में कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है. जहां कांग्रेस की चाहत भाजपा के नाराज मतदाताओं को अपने पाले में लाने की है, वहीं भाजपा की रणनीति कांग्रेस के कोर वोटरों में सेंधमारी कमल खिलाने की है और इस सब के बीच सरयू राय की सियासत अपर कास्ट मतदाताओं का एक हिस्सा को अपने साथ लाकर इन दोनों सियासत को ध्वस्त करने की है.
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