TNPDESK: लंबे समय से सुरक्षा बल के जवानों को चकमा दे रहे कुख्यात हिडमा का खात्मा हो गया. सुरक्षा बल के जवानों ने छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर मुठभेड़ में हिडमा को उसकी पत्नी और चार साथियों के साथ मार गिराया है. यह खबर जैसे ही जंगल से निकल कर सामने आई की कुख्यात नक्सली मारा गया. इसके बाद बस्तर में जश्न सा माहौल देखा गया. हर किसी के चेहरे पर मुस्कान थी चाहे सुरक्षा बल के जवान हो या आम आदिवासी सभी आज खुश थे की एक आतंक के युग का खात्मा हो गया. खुद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवानों का हौसला बढ़ाया है.
अब सवाल है कि हिडमा इतना चर्चा में क्यों है. क्या हिडमा के खात्मे के साथ ही राज्य नक्सल मुक्त हो जाएगा. या अभी कोई और नक्सली बचा हुआ है. अगर बात छत्तीसगढ़ की की करें तो यहाँ हिडमा नक्सलवाद की जड़ माना जाता था. बस्तर रेंज से सबसे कम उम्र का माओवादियों की सेंट्रल कमिटी का सदस्य बना साथ ही PLGA बटालियन 1 का प्रमुख था. संगठन में सबसे बड़ी जिम्मेवारी सांभाल रहा था. बसवा राजू,रूपेश,सोनू के बाद संगठन को लेकर चल रहा था. लेकिन अब इसका भी खात्मा हो गया.
माना जा रहा है कि हिडमा के खात्मे के साथ ही बस्तर में नक्सल गतिविधि पर बड़ी चोट पहुंची है. और अब नक्सलवाद मानो आखरी सांस गिन रहा हो. हिडमा से पहले ही सभी नेतृव करने वाले बड़े नक्सली या तो मारे गए या हथियार डाल दिया है. अब महज एक से दो बड़े नक्सली बचे है. जिनके खात्मे को लेकर भी बड़ा अभियान चल रहा है. इसी कड़ी में हिडमा के इन्काउनर के बाद ही देव जी को सुरक्षा बल के जवानों ने आंध्र प्रदेश में गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ इसके 32 साथियों को सलाखों के पीछे भेजा है.
कौन है हिडमा और कितना खतरनाक
हिडमा कई नामों ने जाना जाता था इसके साथी इसे संतोष, हिडमालू, हिडमन्ना नाम से भी बुलाते थे. हिडमा 26 बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था, जिनमें सैकड़ों सुरक्षा बलों के जवान और नागरिक मारे गए.
2010 दंतेवाड़ा हमला (76 CRPF जवान शहीद)
2013 झीरम घाटी हमला (कांग्रेस नेताओं सहित 27-32 लोग मारे गए)
2017 सुकमा हमला (25 CRPF जवान शहीद
2021 सुकमा-बीजापुर हमला (22 जवान शहीद)
- इनाम: उसके सिर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था.
- सुरक्षा: वह हमेशा 200-300 हथियारबंद नक्सलियों के घेरे में रहता था और घने जंगलों (बस्तर, आंध्र-छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर) में छिपा रहता था.
अब कौन नक्सली बचे
ऐसे में देवा और दामोदर जैसे महज दो तीन बड़े नाम बचे है. जिनके खात्मे को लेकर भी पुलिस मुख्यालय ने प्लान तैयार कर लिया है. आने वाले दिनों में बचे हुए नक्सली का भी सफाया जल्द होने की संभवाना है. बस्तर रेंज के आईजी ने साफ दोहराया है कि हथियार डाल दे अभी भी समय बचा है. नहीं तो बाकी जैसा हाल हो जाएगा. बचे हुए नक्सलियों से अपील की है मुख्य धारा में लौट जाए और सरकार की पॉलिसी का लाभ ले कर अच्छे जीवन की शुरुआत करे.
रिपोर्ट : समीर
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