रांची(RANCHI): ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम से ED दफ्तर में 10 दिनों से पूछताछ जारी है. इस पूछताछ में कई जानकारियां ईडी को मिली है. सवाल का जवाब खुल कर मंत्री नहीं दे रहे है. जिससे ईडी को जांच में दिक्कत आ रही है. अब सवाल है कि मंत्री के अलावा इस घोटाले के खेल में कौन कौन शामिल है. सूत्रों की माने तो ईडी ठेकेदार से लेकर अधिकारी और मंत्री के करीबी की कुंडली खंगालने में लगी है. इस जांच की कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए IAS अधिकारी मनीष रंजन को भी तलब किया गया है. इस जांच की लपेटे में आने वाले दिनों में कई लोग आएंगे.
IAS अधिकारी मनीष रंजन पूर्व में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव रह चुके है. इस टेंडर घोटाले में इनकी भी अहम भूमिका रही है. अधिकारी को भी बराबर का कमीशन पहुंचा है. बाद में कमीशन बढ़ाने पर सचिव के पद से हटा दिया गया. लेकिन जब तक पद पर रहे घोटले की मलाई जम कर खाई है. यही कारण है कि जब पहला समन जारी किया तो मनीष ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे. बाद में दोबारा से समन जारी किया गया. अब 28 को हर हाल में हाजिर होने को कहा गया है.
मनीष रंजन इस घोटाले में अहम भूमिका में थे. टेंडर कमीशन के पैसा पूरा हिसाब लेते थे. इसका खुलासा मंत्री की डायरी से हुआ है.अब जब मनीष से पूछताछ होगी. अगर ईडी के सवालों का जवाब स्पष्ट नहीं देते है तो मनीष की मुश्किलें बढ़ेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. ईडी बड़ी कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि इनसे जुड़े दस्तावेज और गवाह ईडी के पास मौजूद है.
जब मंत्री घोटाले में जेल पहुंच गए तो साफ है कि मंत्री के अधिकारी भी मुश्किल में है. सिर्फ मनीष रंजन ही नहीं बल्कि वर्तमान ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भी रडार पर है. जब मंत्री आलमगीर आलम और पूर्व सचिव मनीष से पूछताछ पूरी होगी. उसके बाद नए लोगो को समन जारी कर तलब किया जाएगा.