TNP DESK : जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक होने के बाद राज्य के लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लगा है. युवाओं को समझ में नहीं आ रहा है कि अब करूं तो करूं क्या. इन्हें अपनी भविष्य की चिंता सता रही है. झारखंड के कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनके पास परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए पैसे भी नहीं थे. किसी तरह कर्जा लेकर वे अभ्यर्थी केंद्र तक परीक्षा देने के लिए पहुंचे. लेकिन वे परीक्षा नहीं दे पाये. जब कारण पूछा तो पता चला कि समान्य ज्ञान का पेपर लीक हो गया है. उसके बाद परिक्षार्थी का आक्रोश फूट पड़ा. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि करूं तो क्या करूं. हंगामा बढ़ता देख जेएसएससी ने समान्य का पेपर फिर से चार फरवरी को कराने की बात कही. इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ. इसी बीच कथित जमीन घोटाले मामले में ईडी तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लेते हैं और राज्य में नई सरकार का गठन होता है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को बनाया जाता है. इन सबके बीच सियासी तूफान मचा हुआ रहता है. वहीं चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं और उन्हें फ्लोर टेस्ट के लिए कहा जाता है. राज्यपाल की ओर से दस दिनों का समय मिलता है. इसी बीच कोर्ट में हेमंत सोरेन की पेशी होती है और ईडी दस दिनों की रिमांड की मांग करती है लेकिन अदालत पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड देती है.
‘..साबित कर दे तो मैं राजनीति और झारखंड छोड़ दूंगा’
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पांच फरवरी को फ्लोर टेस्ट दिया. फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए हेमंत सोरेन ने उस दिन विधानसभा पहुंचे. विधानसभा में हेमंत सोरेन ने दावे के साथ कहा कि जिस जमीन के मामले में मुझे ईडी ने अरेस्ट किया है अगर वो साबित कर दे तो मैं राजनीति और झारखंड छोड़ दूंगा. अपने भाषण के दौरान उन्होंने अपनी गिरफ्तारी का आरोप राजभवन पर भी लगाया था.
पांच दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी फिर से हेमंत सोरेन की रिमांड की मांग अदालत से की. कोर्ट ने पांच दिनों की रिमांड फिर से दे दी. इन कार्रवाई के बीच जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक का मामला तुल पकड़ लिया. राज्य के युवाओं और प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी नवनियुक्त चंपाई सोरेन से सीबीआई जांच की मांग करने लगे. मामला बढ़ता देख जेएसएससी पेपर लीक की जांच ईडी को सौंपा गया.
करीब 539 पेज में व्हाट्सएप चैट
ईडी ने जांच शुरू की तो हेमंत के करीबी विनोद सिंह के ठिकानों से अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड बरामद हुआ. वहीं विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट के करीब 539 पेज पीएमएलए कोर्ट को ईडी ने सौंपा. ईडी ने दावा किया है कि जेएसएससी पेपर लीक और राज्य के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग इन्हीं के माध्यम से होता है. जिसका सबूत व्हाट्सएप चैट से मिला है.
ट्रेंड कर रहा है देख रहे हो विनोद...
इस पूरे प्रकरण के बीच वेब सीरीज ‘पंचायत’ का एक डायलॉग ट्रेंड कर रहा है जिसमें कहता है कि देख रहे हो विनोद... वही झारखंड की सियासत में भी विनोद की एंट्री हो गई है. जिसे पावर ब्रोकर और हेमंत सोरेन का करीबी बताया जाता है. विनोंद सिंह का नाम पहले भी बीच-बीच में आ जाता था, लेकिन इसबार ईडी की गिरफ्त में आया है. हालांकि अभी तक विनोद सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अभी सिर्फ पेपर लीक और ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर ईडी पूछताछ कर रही है.
हेमंत और विनोद सिंह से पूछताछ
जेएसएससी पेपर लीक मामले पर ईडी हेमंत सोरेन और विनोद सिंह से पूछताछ कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार ईडी की गिरफ्त में कई बड़े लोग आएंगे. पेपर लीक में ईडी जल्द ही बड़ा खुलासा करेगी. वहीं एसआईटी ने रांची, पटना और चेन्नई में कई जगहों पर छापेमारी की. एसआईटी की टीम ने छापेमारी के दौरान 11 लोगों को हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ चल रही है. मिली जानकारी के अनुसार हिरासत में लिये गये लोगों ने ही प्रश्न पत्र को वायरल किया है. हालांकि इनमें से कई अप्रत्यक्ष रूप से इस गिरोह से जुड़े बताये जाते हैं.
28 जनवरी को हुआ था पेपर लीक
गौरतलब है कि जेएसएससी सीजीएल प्रश्नपत्र लीक मामले में संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी ने नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें कहा गया था कि 28 जनवरी को तृतीय पाली में सामान्य ज्ञान की परीक्षा थी. इस दिन दोपहर में ईमेल के जरिये समान्य ज्ञान परीक्षा के उत्तर विकल्प के चार पेज में भेजे गये थे. मिलान करने पर प्रश्नपत्र लीक होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद परीक्षा की अगली तिथि चार फरवरी तय की गयी थी. वहीं मामला तूल पकड़ने के बाद परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया था. इस बीच अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया और सीबीआई जांच की मांग.