TNPDESK-एक तरफ इंडिया गठबंधन की कोर्डिनेशन कमिटी ने अपनी पहली ही बैठक में इस बात का एलान कर दिया कि वह जातीय जनगणना के समर्थन में है, और आने वाले दिनों में इसके समर्थन में पूरे देश में रैलियां और दूसरे कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने एक और कदम बढ़ाते हुए आरक्षण की उपरी सीमा को तोड़ने का प्रस्ताव पास कर दिया.
तेलांगना की राजधानी हैदराबाद में (सीडब्ल्यूसी) कांग्रेस वर्किंग कमेटी के इस फैसले के बाद यह साफ हो गया कि इंडिया गठबंधन एक बाद एक दलित पिछड़ा कार्ड खेलने की तैयारी में है, और जातीय जनगणना और आरक्षण की उपरी सीमा को तोड़ने का एलान इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.
इंद्रा साहनी फैसले से आगे बढ़ने के एलान
यहां बता दें कि प्रस्ताव में दलित पिछड़ों के आरक्षण की मौजूदा उपरी सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगायी गयी है, देश की सर्वोच्च न्यायालय ने इंद्रा साहनी और अन्य बनाम भारत संघ मामले में आरक्षण की उपरी सीमा 50 फीसदी तय किया था. इसके साथ ही कोर्ट ने सामाजिक पिछड़ेपन का पत्ता लगाने के लिए 11 संकेतक निर्धारित किये थें. किसी भी सामाजिक समूह को आरक्षण प्रदान करने के पहले इन मापदंडों पर खरा उतरना अनिवार्य था.
देश के विभिन्न हिस्सों से उठती रही है उपरी सीमा बढ़ाने की मांग
ध्यान रहे कि देश के विभिन्न हिस्सों से आरक्षण की उपरी सीमा को बढ़ाने मांग होती रही है. झारखंड, छतीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र हो या राजस्थान हर जगह इस सीमा को बढ़ाने की मांग होती रही है. खुद हेमंत सरकार ने भी पिछड़ों और दलितों का आरक्षण को बढ़ाने का एलान किया है, और विधान सभा से प्रस्ताव पास कर राजभवन को भेजा है. ठीक यही मांग महाराष्ट्र में मराठा, राजस्थान में गुर्जर, गुजरात में पाटीदार और हरियाणा में जाटों के द्वारा किया जाता रहा है. लेकिन उपरी सीमा की बंदिश के कारण उनका मामला लटकता रहता था और सरकार यह कहकर मामला को टालती रहती थी कि इंद्रा साहनी फैसले कारण हाथ बंधा है, लेकिन अब कांग्रेस ने इस बंदिश को ही खत्म करने का एलान किया है.
गुर्जर, जाट, मराठा और पाटीदारों साधने की रणनीति
साफ है कि 2024 को जंग के पहले कांग्रेस गुर्जर, जाट, मराठा और पाटीदारों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है, वह एक संकेत देने की कोशिश कर रही है कि यदि उनके लिए उसे संविधान संशोधन की जरुरत भी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेगी. इंडिया गठबंधन के द्वारा जातीय जनगणना का समर्थन और ठीक इसके बाद कांग्रेस का उपरी सीमा को तोड़ने का एलान 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ा गेम चेंजर हो सकता है.