RANCHI- जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी, कुछ यही स्थिति डुमरी के जंग मैदान में असुददीन ओवैसी की सभा में देखने को मिली, ओवैसी अपने चिरपरिचित अंदाज में भाजपा, हेमंत और कांग्रेस को घेर रहे थें, महज 24 हजार संस्कृत भाषियों के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने पर सवाल खड़े कर रहे थें. और इस बात को उछाल रहे थें कि यदि 24 हजार संस्कृति भाषियों के लिए अलग से संस्कृत विश्वविद्यालय खोल जाता सकता है, तब झारखंडी-आदिवासी भाषा भाषियों को लिए अलग से किसी विश्वविद्यालय की स्थापना क्यों नहीं की गयी.जिस झारखंड में उर्दू बोलने वालो की संख्या लाखों-करोड़ों में है, उनका कुसूर क्या हैं, आखिर अब तक उनके लिए उर्दू विश्वविद्यालय की स्थापना क्यों नहीं की गयी, आखिर अल्पसंख्यक इस हेमंत सरकार को अपना भेंट क्यों दें.
60:40 नाय चलतो के साथ गरजे ओवैसी
इसी क्रम में असुददीन ओवैसी अचानक से हेमंत सरकार की 60:40 की नीति पर सवाल खड़ा करते हैं, और हेमंत सरकार पर गैर झारखंडियों के लिए दरवाजा खोलने का आरोप लगाते हैं, ओबैसी यह दावा करते हैं कि इस प्रकार तो यहां के युवा हाथ मलते रह जायेंगे और सारी नौकरियां बाहरियों के हाथ में चली जायेगी. 60:40 नाय चलतो के साथ डुमरी के जंगे मैदान में एआईएमआईएम के उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल मोबिन रिजवी को भारी मतो से विजय बनाने की अपील करते हैं.
शाकिर साहिब जिन्दाबाद
इस बीच भीड़ से अचानक से शाकिर खान जिन्दाबाद के नारे की शोर सुनाई पड़ती है. इस शोर पर नाराजगी प्रकट करते हुए ओवैसी उस भीड़ को झिड़कते हुए कहते हैं, अरे रुको तुम लोगों को शाकिर लेकर आया है क्या? जो शाकिर खान जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगा रहे हो, ध्यान रहे कि शाकिर खान ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का झारखंड प्रदेश अध्यक्ष हैं. लेकिन मजे की बात यह है कि भीड़ शाकिर साहिब जिंदाबाद के नारे लगाती है, लेकिन कुछ लोगों को पाकिस्तान जिंदबाद के नारे सुनाये पड़ते हैं और बगैर तथ्यों की जांच किये स्थानीय मीडिया से लेकर राष्ट्रीय चैनलों तक यह दावा किया जाने लगता है कि डुमरी में ओवैसी की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये गये. जबकि इसका दूर दूर तक सच्चाई से कोई वास्ता नहीं था, अब आपको सुनाई वही पड़ेगा जो आपके अन्दर की खलबली है. हालांकि इस तरह के दावे के बाद पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी गयी है, और अब जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी.