TNP DESK- दक्षिण अमेरीकी देश अर्जेंटीना में वामपंथी नेता सर्जियो मासा को चुनावी शिकस्त देकर दक्षिणपंथी नेता जेवियर मिलेई ने देश की बागडोर संभाली है. ध्यान रहे कि दक्षिणपंथी नेता जेवियर मिलेई को उनके आलोचकों के द्वारा पागल बताया जाता है, दरअसल इसके पीछे उनके वह वादे हैं, जिसकी सवारी कर जेवियर सत्ता के शीर्ष शिखर तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं. संस्कृति, महिला और शिक्षा मंत्रालय बंद को करना जेवियर के चुनावी घोषणा पत्र का अहम हिस्सा है, उनका दावा है कि इन मंत्रालयों का जनकल्याण से कोई वास्ता नहीं है, इन विभागों में बेवजह टैक्स पेयरों का पैसा बर्बाद किया जा रहा है.
बंदूक रखने के कानूनों को लचीला बनाने की घोषणा
इसके साथ ही जेवियर ने 2020 में बनाये गये गर्भपात कानूनों को भी खत्म करने और मानव अंगों की खरीद बिक्री को वैध बनाने का घोषणा किया है. लेकिन उनका सबसे बड़ा चुनावी घोषणा सेंट्रल बैंक ऑफ अर्जेंटीना को बंद करने का है, जेवियर अर्जेंटीना की राष्ट्रीय मुद्रा को बंद कर अमेरीकी डालर को अपनाना चाहते हैं. इसके साथ ही वह जेवियर हर नागरिक के हाथ में बंदुक देने के विश्वासी है. उनका दावा है कि इससे लोगों में असुरक्षा की भावना खत्म होगी, लोग अपनी सुरक्षा खुद करने में सक्षम होंगे, यही कारण है कि जेवियर गन लॉ यानी बंदूक रखने के कानूनों को लचीला बनाने की बात कर रहे हैं.
हाथ में आरी लेकर चुनावी प्रचार में निकलते थे जेवियर
यहां ध्यान रहे कि जेवियर के चुनाव प्रचार में उनके हाथ में आरी होता था, वह समर्थकों को इस बात का भरोसा दिला रहे थें कि सत्ता में आते ही उनकी यह आरी सरकारी खर्चों पर चलेगी, वैसे तमाम मंत्रालय को एक झटके में बंद किया जायेगा, जिसमें बेवजह देश का पैसा बर्वाद किया जाता है. जेवियर की इस जीत को राजनीतिक विश्लेषकों के द्वारा पॉलिटिकल अर्थक्वेक’ यानी राजनीतिक भूकंप की संज्ञा दी जा रही है. हालांकि उनकी इस जीत पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बधाई देते हुए इस बात का भरोसा जताया है कि उनके नेतृत्व में अर्जेंटीना एक बार पिर से अपनी महानता को प्राप्त करेगा. वैसे भी स्थानीय मीडिया में जेवियर को अर्जेंटीना का डोनाल्ड ट्रम्प बताया जाता है.
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