रांची(RANCHI)-तारा शाहदेव और रंजीत कोहली मामले में सीबीआई कोर्ट में आज सीएम हेमंत उपस्थित नहीं हुए, हालांकि इस मामले में आज अधिकृत गवाह के रुप में जेएमएम रांची के जिलाध्यक्ष मुस्ताक अहमद उपस्थित हुए. जहां उनके द्वारा किसी रकीबुल हसन को पहचाने से इंकार कर दिया गया.
हालांकि मुस्ताक अहमद ने इस बात को स्वीकार किया कि जिस निमंत्रण पत्र की बात रंजीत कोहली के द्वारा की जा रही है, वह सही है, लेकिन इसमें रकीबुल हसन कौन है, इसकी जानकारी उसके पास नहीं है.
तारा शाहदेव का दावा रंजीत कोहली ही हैं रकीबुल हसन
ध्यान रहे कि तारा शाहदेव के द्वारा रंजीत कोहली को ही रकीबुल हसन बताया जा रहा था, उसका दावा है कि शादी के बाद रंजित कोहली उर्फ रकीबुल हसन के द्वारा उस पर ध्रर्म परिवर्तन का दवाब बनाया जा रहा था, साथ ही उसे मानसिक यातना दी जा रही थी.
दावा किया जाता है कि वर्ष 2014 में जब तारा शाहदेव और रंजीत कोहली की शादी हुई थी, तब सीएम कार्यालय की ओर से रकीबुल खान नाम से एक इफ्तार पार्टी का दावत कार्ड निर्गत हुआ था. यही कार्ड अब सीबीआई के पास है, जिसके आधार पर सीएम हेमंत को सीबीआई की ओर से मामले में गवाह के रुप में समन हुआ है, हालांकि इस कार्ड को रंजीत सिंह कोहली के द्वारा बनावटी और फर्जी होने का दावा किया जा रहा है.
कब हुई थी शादी
यहां बता दें कि रंजीत कोहली और तारा शाहदेव की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी, हालांकि उसके ठीक बाद ही तारा शाहदेव के द्वारा रंजीत पर मानसिक यातना देने और धर्म परिवर्तन का दवाब बनाने के आरोप लगाया जाने लगा, जिसके बाद 27 अगस्त 2014 को उसे जेल भेज दिया गया था, पांच वर्षों की सजा काटने के बाद फिलहाल वह जमानत पर है. मामले में सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को प्रस्तुत किया गया है. अब इस मामले में कोर्ट के द्वारा रंजीत कोहली को गवाहों की सूची प्रस्तुत करने का आदेश हुआ है. रंजीत कोहली के द्वारा सौंपी गयी इसी गवाहों की सूची में सीएम हेमंत का भी नाम है.