Patna- पिछले साल की इफ्तार पार्टी में बिहार में सियासत की नयी स्क्रिप्ट लिखी गयी थी, इसी इफ्तार पार्टी के बाद भाजपा को बिहार की सत्ता से पैदल होना पड़ा था और उसी इफ्तार पार्टी के बाद नेता विपक्ष तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी.
इफ्तार पार्टी से क्यों भड़की भाजपा
हम पिछले साल की इफ्तार पार्टी की चर्चा बेवजह नहीं कर रहे हैं. इसके कुछ मायने हैं, कुछ राजनीतिक निहितार्थ है, दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने आज फिर से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है. लेकिन लगता है कि इस बार इफ्तार पार्टी का नाम सुन कर ही भाजपा का पुराना जख्म हरा होने लगा है.
उसे तो अब इफ्तार पार्टी से ही चिढ़ होने लगी है, नहीं तो याद कीजिये वह दौर जब नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी में सैयद शहनवाज हुसैन से लेकर सुशील मोदी तक का जुटान होता था. इस बहाने राजनीतिक दूरियों को समेटने की कोशिश होती थी. इसे भाईचारा और प्रेम का संदेश बताया जाता था. लेकिन पिछले बार की इफ्तार पार्टी में इन राजनीतिक दूरियों को कुछ ज्यादा ही सिमटा लिया गया था. जिसकी टीस से बाहर भाजपा आज भी नहीं निकली है.
पिछले साल की इफ्तार पार्टी में भी एक महत्वपूर्ण चेहरा थें शहनवाज हुसैन
याद करें, पिछले साल की इफ्तार पार्टी में भी एक महत्वपूर्ण चेहरा थें शहनवाज हुसैन, हालांकि इस बार कहां है, इसकी जानकारी नहीं है, उन्हे आमंत्रण दिया गया है या नहीं इसकी भी कोई सूचना नहीं है.
रामनवमी जुलूस पर पत्थरों की बौछार, जल रहा है बिहार
शायद यही कारण है कि भाजपा ने इस बार नीतीश कुमार की इस इफ्तार पार्टी से दूरी बनाने का एलान किया है. आज के नेता प्रतिपक्ष और तब के विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जब पूरा बिहार जल रहा है, रामनवमी जुलूस पर पत्थरों की बौछार हो रही है, लोग साम्प्रदायिक हिंसा के शिकार हो रहे हो, इफ्तार पार्टी का औचित्य सवालों के घेरे में है. भाजपा इस इफ्तार पार्टी का बहिष्कार करती है. हालांकि यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि इस इफ्तार पार्टी के लिए भाजपा को आमतंत्र मिला है या नहीं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे ने धूमाया सीएम नीतीश को फोन
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे के एक फोन से भी बिहार की सियासत गर्म हो गयी है. राहुल की सदस्यता खत्म किये जाने के बाद कांग्रेस की ओर से विपक्षी पार्टियों की एकजुट करने की कवायद तेज होती दिख रही है, आज इसी कड़ी में मल्लिकार्जून खड़गे ने सीएम नीतीश को फोन लगाया, हालांकि दोनों के बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आयी है, लेकिन माना जाता है कि दोनों के बीच देश की मौजूदा सियासत और विपक्षी एकता के मुद्दे पर चर्चा हुई. यहां बता दें कि इसके पहले मल्लिकार्जून खड़गे सीएम स्टालिन, उद्भव ठाकरे सहित कई विपक्षी नेताओं को फोन घूमा चुके हैं.