रांची(RANCHI): कथित जमीन घोटाला मामले में ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सीएम हेमंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट 15 सितम्बर को इस मामले की सुनवाई करेगा.
ध्यान रहे कि कथित जमीन घोटला मामले में ईडी ने सीएम हेमंत को 14 अगस्त को अपने कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था, जिसके बाद सीएम हेमंत ने ईडी की नीयत पर सवाल उठाते प्रश्न खड़ा किया था कि किसी भी राज्य के मुखिया को 14 अगस्त को बुलावा भेजना कितना न्यायोचित है, हर किसी को पता है कि एक राज्य के मुखिया को 15 अगस्त के पहले कितनी व्यस्ता रहती है, बावजदू जानबूझ कर 14 अगस्त की तिथि तो निर्धारित करना इस बात का प्रमाण है कि ईडी अपने राजनीतिक आका के दवाब में एक निर्वाचित सरकार के मुखिया को बदनाम करने की साजिश रच रही है, सीएम हेमंत ने ईडी को भेजे अपने जवाब में ईडी से अपना समन वापस लेने को कहा था, साथ ही ईडी के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही थी.
हालांकि उसके बाद एक बार फिर से सीएम हेमंत को 24 अगस्त को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया, लेकिन सीएम हेमंत उस दिन भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे और ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयें, जब यह मामला कोर्ट में चला गया तब भी एक बार फिर से सीएम हेमंत को ईडी के द्वारा 9 सितम्बर को ईडी कार्यालय पहुंचने का आदेश दिया गया. लेकिन सीएम हेमंत उस दिन भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे.
पीएमएलए-2002 की धारा 50 और 63 की वैधता की चुनौती दे चुके हैं सीएम हेमंत
यहां बता दें कि सीएम हेमंत ने अपनी याचिका में पीएमएलए-2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी है, उन्होंने कहा कि पीएमएलए की धारा 19 के तहत जांच एजेंसी को धारा 50 के तहत बयान दर्ज करने के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है.जबकि आईपीसी के तहत किसी भी जांच एजेंसी के समक्ष दिया गया बयान को कोर्ट में मान्यता नहीं है, सीएम हेमंत ने इस विरोधाभाष को दूर करने की मांग की है. सीएम हेमंत ने इस मामले में ईडी के साथ ही न्याय एवं कानून मंत्रालय को भी प्रतिवादी बनाया है. हालांकि इस बीच खुद ईडी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है, और उसके द्वारा केवियट फाइल कर ईडी का पक्ष सुनने की गुहार लगायी गयी है.