पटना(PATNA)- झारखंड हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत की दरखास्त लगा चुका दाहू यादव आज कहां और किस हाल में है कोई नहीं जानता, वह साहिबगंज की उन पहाड़ियों में छूपा है, जहां कभी उसका साम्राज्य चलता था या पानी के जहाज पर सवार होकर बांग्लादेश निकल गया, किसी को कुछ खबर नहीं, दावा यह भी किया जा रहा है कि इन सबसे बेखबर वह नेपाल के किसी रिसॉर्ट में आराम फरमा रहा है, जबकि दूसरी ओर उसका यूपी के रास्ते पंजाब निकल जाने की भी खबर है. लेकिन निश्चित रुप से कुछ कह पाने की स्थिति में आज कोई नहीं है. इस बीच पुलिस ने 25 अगस्त को उसके भाई और जिला पार्षद सुनील यादव को गिरफ्तार करने में अहम सफलता प्राप्त की है, इसके साथ ही बेटा राहुल यादव की भी गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी तेज है. लेकिन मूल सवाल दाहू यादव का है.
राजेश से दाहू बनते ही चमका सितारा
याद रहे कि साहिबगंज के शोभनपुर भट्ठा गांव का रहने वाला राजेश यादव अपने शुरुआती जीवन में दूसरे युवकों के समान ही बेहद सामान्य सा युवक था. तब उसे देख कर यह विश्वास करना मुश्किल था कि शांत सा रहने वाला यह युवक एक दिन साहिबगंज का बेताज बादशाह के रुप में सामने आयेगा और इसके एक इशारे पर लाखों-करोंड़ों का कोराबार होगा, अरबों की संपत्ति होगी और लेकिन यह सब कुछ हुआ. दावा किया जाता है कि जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ी वह बालू पत्थर के अवैध खनन में हाथ आजमाने की कोशिश करने लगा, कभी सफलता मिलती कभी सब कुछ डूब जाता, सफलता असफलता के इसी रस्साकशी में उसका नाम बदलता गया, उसकी पहचान बदलती चली गयी, और सीधा साधा सा वह राजेश कब दाहू बन गया, खुद उसे भी इसकी खबर नहीं लगी. सफलता के साथ ही उसकी पहचान भी बदलती गयी, अब वह राजेश यादव नहीं था, सफलता के साथ ही राजेश यादव कहीं दफन हो चुका था, अब वह दाहू यादव के रुप में सामने खड़ा था, जिसकी राह में जो भी आया मिटता चला गया.
आज उसी दाहू पर संथाल इलाके में करीबन एक हजार करोड़ रुपये का अवैध खनन करने का आरोप है, दावा किया जाता है कि वह साहिबगंज से गंगा के रास्ते अवैध तरीके से पानी के जहाज पर बालू पत्थर को लाद लाद कर बिहार और बंगाल भेजा करता है.
इंडिया छोड़ बाहर निकल चुका है दाहू
हालांकि उसका भाई सुनील यादव के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि दाहू यादव विदेश निकल चुका है. लेकिन दूसरी ओर यह दावा भी किया जा रहा है कि वह जल्द ही सरेंडर करने की तैयारी में है. क्योंकि जिस प्रकार हाईकोर्ट और देश की सर्वोच्च अदालत से उसकी अग्रिम याचिका को खारीज किया गया है, उसके बाद उसके पास सरेंडर करने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
करोड़ों की संपत्ति जब्त
ईडी के द्वारा अब तक साहिबगंज, राजमहल, बड़हरवा, मिर्जाचौकी और बरहेट में उसके ठिकानों पर लगातार छापेमारी की गयी है, और इस छापेमारी में करीबन 5.37 करोड़ कैश और बैंक खाते से 11.88 की राशि जब्त की गयी है, इसके साथ ही करीबन 30 करोड़ का उसका पानी का जहाज भी जब्त किया जा चूका है. बावजूद इसके आज भी दाहू यादव पुलिस के लिए एक पहेली बना हुआ है.
18 जुलाई 2022 के बाद कहां गया दाहू यादव किसी को कुछ पता नहीं
यहां याद रहे कि ईडी के समन पर आखिरी बार दाहू यादव 18 जुलाई 2022 को पेश हुआ था. लेकिन मां की तबीयत का हवाला देकर समय देने की मांग कर बैठा, और यही से वह ईडी के चंगुल से निकल भागा, उसके बाद कई बार उसे समन भेजा जाता रहा, लेकिन वह दुबारा ईडी दफ्तर नहीं पहुंचा. इस बीच ईडी उसके दर्जनों भूखंड और परिसंपत्तियों की खोज कर चुकी है, दावा किया जाता है कि साहिबगंज के बिजली घाट पर उसका तीस करोड़ रुपये का दो भूखंड है, इसके साथ ही दर्जनों महंगी गाड़ियां है. माना जाता है कि ईडी अब उसकी दूसरी परिसंपत्तियों को जब्त करने का प्रयास कर सकती है.