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रुबिका पहाड़न पर चुप्पी और मणिपुर पर विलाप, कुछ इस तरह हेमंत पर बरसे पूर्व सीएम रघुवर दास

रुबिका पहाड़न पर चुप्पी और मणिपुर पर विलाप, कुछ इस तरह हेमंत पर बरसे पूर्व सीएम रघुवर दास

Ranchi- मणिपुर में आदिवासी महिलाओं का नग्न परेड और सार्वजनिक बलात्कार पर सीएम हेमंत के द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र पर अब भाजपा हमलावर हो गयी है. इस विकट परिस्थिति में आदिवासी महिलाओं के साथ सीएम हेमंत का खड़ा होने पूर्व सीएम रघुवर दास  को काफी नागवार गुजरा है, पूर्व सीएम रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन को इस तरह के संजीदा मुद्दे पर राजनीति खड़ा करने के लिए शर्म करने की सलाह दी है.

अपने ताजातरीन बयान में उन्होंने कहा कि संताल में रुबिका पहाड़न को उसके कथित प्रेमी दिलदार ने टूकड़ों-टूकड़ों में काटा था. जब अंकिता को उसके कथित प्रेमी शाहरुख ने जिंदा जलाया था, साहिबगंज में आदिवासी बच्ची को घर से उठा कर रेप किया गया था, तब आदिवासी सीएम हेमंत का जमीर क्यों नहीं जागा था. रुबिका पहाड़न की घटना पर चुप्पी साधने वाले आज मणिपुर में आदिवासी महिलाओं का नग्न परेड पर विलाप कर रहे हैं.

 सीएम हेमंत के पत्र से तिलमिलाये रघुवर दास

मणिपुर पर प्रकरण पर सीएम हेमंत से तिलमिलाये पूर्व सीएम रघुवर दास ने लिखा कि मणिपुर की घटना के साथ कम से कम बिहार का भी जिक्र कर दिया जाता, क्या बेगूसराय में जो कुछ हुआ, वह क्षम्य है, आखिर उसकी पीड़ा हेमंत सोरेन को सुनाई क्यों नहीं दे रही. उन्हें बिहार, झारखंड की बेटियों की चित्कार क्यों नहीं सुनाई पड़ रही, हेमंत सोरेन को इसका जवाब देना चाहिए.

अपने पत्र में क्या लिखा था सीएम हेमंत ने

ध्यान रहे कि राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में सीएम हेमंत ने मणिपुर में जारी हिंसा के पीछे राज्य सत्ता की मौन सहमति की आशंका प्रकट की थी, जातीय हिंसा पर अपना दर्द व्यक्त करते हुए मणिपुर में शांति की स्थापना के लिए राष्ट्रपति मुर्मू से गुहार लगायी थी. उन्होंने लिखा था कि एक तरफ हम दुनिया का सबसे बड़ा विविधतापूर्ण लोकतांत्रिक समाज होने का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी ओर मणिपुर से जो खबरें आ रही है, वह दिलों को झकझोरने वाला है, यह परिदृश्य किसी भी सभ्य नागरिक को सिर झुकाने लिए मजबूर कर रहा है, उसकी आत्मा को कचोटता रहा है और यह सब कुछ कुछ निहीत स्वार्थों की तुच्छ राजनीति का परिणाम है, अब देश की उम्मीद सिर्फ आप और आपकी ओर टिकी हुई है.

आंखें बंद कर आदिवासी भाई बहनों के साथ इस अत्याचार को नहीं देख सकते

उन्होंने लिखा है कि हम अपनी आंखें बंद कर अपनी आदिवासी भाई बहनों पर अत्याचार की इस पराकाष्ठा को देखते नहीं रह सकतें. इस तरीके के भयावह और बर्बर व्यवहार की अनुमति नहीं दे सकते, एक राज्य का सीएम और देश का एक चिंतनशील नागरिक के रुप में इस अमानुषिक मंजर को देख हम हतप्रभ हैं और उम्मीद भरी नजरों से आपकी ओर देख रहे हैं.

अकथनीय यातना से गुजरते आदिवासी भाई बहनों का दर्द

जिस प्रकार वहां के विभिन्न जातीय समुदाय एक अकथनीय यातना से गुजर रहे हैं, महिलाओं का सार्वजनिक बलात्कार किया जा रहा है, उनकी नग्न परेड करवायी जा रही है, जातीय हिंसा का शिकार होकर लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं, उनकी संपत्तियों को आग के हवाले किया जा रहा है, यह सब कुछ हमारे लोकतंत्र की विविधता के दावे पर काला धब्बा है. हमें उन्हें इस अकथनीय यातना से मुक्ति दिलवाना ही होगा. सैंकड़ों हजारों लोगों की जान जा चुकी अब आगे की जिंदगिंयां बचानी होगी. कोई भी सभ्य समाज इस प्रकार के भयावह बर्बता की इजाजत नहीं दे सकती.

अपने नागरिकों की सुरक्षा में विफल हुआ राज्य सरकार

हमें अपने संवैधानिक मूल्यों की हिफाजत करनी होगी, मानव जीवन और संविधान प्रदत सम्मान का अधिकार को सुरक्षित और संरक्षित करना होगा. आज वहां का पूरा समाज शारीरिक, भावनात्मक और मनौवैज्ञानिक तौर पर टूटा-बिखरा नजर आ रहा है. राज्य सरकार अपने ही नागरिकों की रक्षा में विफल रही है, हमें महिलाओं को नग्न घुमाने और सार्वजनिक रूप से बलात्कार के वीडियो देखने को बाध्य होना पड़ रहा है. बतौर एक नागरिक यह हमारी सामूहिक जिम्मेवारी है कि हम वहां अमन और शांति की पहल करें.

शांति स्थापना के बजाय केन्द्र की प्राथमिकता लोगों की आवाज दबाने की

केन्द्र सरकार की वहां भूमिका शांति की स्थापना के बजाय लोगों की आवाज को दबाने की दिख रही है. ताकि इस भयावह मंजर की सच्चाई देश के दूसरे हिस्से तक नहीं पहुंचे. इस स्थिति में अब सिर्फ आप से ही पहल की उम्मीद हैं. यह आप ही हैं जो मणिपुर की जनता को रोशनी की दिखा सकते हैं और उसे शांति और सद्भाव के रास्ते पर ला सकते हैं.

Published at:22 Jul 2023 06:25 PM (IST)
Tags:Silence on Rubika mountain lamentation on Manipuformer CM Raghuvar Das lashed out at Hemanthemant letter to president jharkhand raghudas rubika pahadan
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