टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक में भाग लेने के लिए नेताओं की फौज मुम्बई का उड़ान भर चुकी है, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भुपेश बघेल, ममता बनर्जी, स्टालिन, केजरीवाल, नीतीश कुमार राजद प्रमुख लालू यादव, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, उद्भव ठाकरे, शरद पवार के साथ ही करीबन 38 पार्टियों के 63 नेताओं का जमघट मुम्बई में लग चुका है.
नवनिर्वाचित सांसदों की भावनाओं के अनुरुप लिया जायेगा फैसला
इस बीच समर्थकों के द्वारा अपने अपने नेताओं के समर्थन में मुहिम चलाने की शुरुआत भी हो चुकी है. कहीं केजरीवाल को पीएम फेस के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार बताया जा रहा है, तो कहीं इंडिया मांगे नीतीश के पोस्टर पर लहरा रहे हैं. उधर सीएम भुपेश बघेल के द्वारा राहुल गांधी का नाम उछाल कर मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है. वहीं अन्दर खाने खबर इस बात की भी है कि पीएम फेस का फैसला चुनावी नतीजों के बाद तय होगा, पीएम का ताज किसके सर जायेगा इसका फैसला नवनिर्वाचित सांसदों की भावनाओं के अनुरुप होगा.
कुर्सी की कोई लड़ाई नहीं
लेकिन इस बीच झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह संकेत दिया है कि इंडिया गठबंधन में सीएम हेमंत को भी बड़ी अहम जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है. हालांकि सुप्रियो ने यह भी साफ कर दिया कि उनकी किसी कुर्सी को लेकर कोई मंशा नहीं है, लेकिन यदि जिम्मेवारी सौंपी जाती है तो सीएम हेमंत इससे पीछे हटने वाले नहीं है, उनके द्वारा हर जिम्मेवारी का निर्वाह किया जायेगा. वह एक अदद कार्यकर्ता से लेकर संयोजक पद की जिम्मेवारी संभालने को तैयार हैं.
हमारे पास चेहरों की भरमार
इस बीच पीएम फेस को लेकर मीडिया में जारी विवाद पर और समर्थकों के द्वारा अपने अपने नेता के पक्ष में चलाये जा रहे अभियान प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता राघव चड्ढा इस बात का दावा किया है कि इंडिया गठबंधन में पीएम फेस को लेकर कोई विवाद नहीं है, यदि अलग अलग चेहरों की बात आ रही है तो यह इस बात का जीवंत प्रमाण है कि हमारे पास एक नयी कई चेहरें है, चेहरों की कोई कमी नहीं है, वक्त आने पर और निर्वाचित सदस्यों की भावना के अनुरुप किसी भी चेहरे को आगे किया जा सकता है.
सवाल पीएम का नहीं भारत की गंगा यमुनी तहजीब को बचाने का है
लगभग यही बात राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से भी आ रहा है, उनका कहना है कि इसका फैसला निर्वाचित सांसदों की भावना के अनुरुप किया जायेगा. हमारी लड़ाई पीएम फेस को लेकर नहीं है, पीएम बनने की नहीं है, इसके विपरीत हमारी लड़ाई भारत के लिए एक बेहतर ब्लूप्रिंट तैयार करने की है. साम्प्रादायिक और विभाजनकारी तत्वों को परास्त कर भारत को बचाने की है.
16 से 38 तक पहुंचा इंडिया का कांटा
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पहली बैठक से तीसरी बैठक आते आते इंडिया गठबंधन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. 16 दलों से शुरु हुई यह राजनीतिक यात्रा 38 पार्टियों तक पहुंच गयी है. दावा किया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन की इस तीसरी बैठक में इस बार एक लोगो, एक झंडा और एक सचिवालय भी घोषणा कर दी जायेगी.