पटना(PATNA)-जातीय जनगणना के सवाल पर अब तक कन्नी काटती रही भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण पर अब बड़ा दाव खेला है. बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में लालू यादव को सबसे बड़ा आरक्षण विरोधी बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने दावा किया है कि भाजपा कभी भी आरक्षण का विरोधी नहीं रही, श्यामा प्रसाद मुखर्जी लेकर अटल बिहारी तक इसके पैरोकार रहे हैं. अटल बिहारी की सरकार में ही प्रोमोशन में आरक्षण को लागू किया गया.
जातीय जनगणना भाजपा की उपलब्धि
जातीय जनगणना को भाजपा की उपलब्धि बताते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा शुरु से ही इसके समर्थन में रही है, और आज भी हम इस बात पर अडिग हैं. जातीय जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक होने के बाद यदि जरुरत महसूस हुई तो भाजपा उस आंकड़े के आलोक में पिछड़ों की आरक्षण सीमा में विस्तार का भी समर्थन करेगी.
कोई भी आरक्षण को खत्म करने की हिमाकत नहीं कर सकता?
इसी कार्यक्रम में भाजपा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जब तक समाज में गैर बराबरी है, जब तक सामाजिक स्तर पर विभेद की नीतियां प्रचलित है, तब तक कोई भी आरक्षण को खत्म करने की हिमाकत नहीं कर सकता.
भाजपा पूरे देश में क्यों नहीं करवाती जातीय जनगणना?
हालांकि सम्राट चौधरी और सांसद सुशील मोदी के द्वारा इस बात पर चुप्पी साध ली गयी कि केन्द्र सरकार पूरे देश में एक साथ जातीय जनगणना से पीछे भाग क्यों रही है. जबकि केन्द्र में भाजपा की ही सरकार है, केन्द्र सरकार के एक फैसले से पूरे देश में पिछड़ों की संख्या सामने आ सकती है और राजनीतिक-सामाजिक जीवन में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सकता है, साथ ही किसी भी भाजपा शासित राज्य की ओर से अब तक इसकी पहल क्यों नहीं की गयी? जबकि उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक लगातार पिछड़ों के द्वारा इसकी मांग की जा रही है, अब तक जिन राज्यों के द्वारा भी जातीय जनगणना करवाने का निर्णय लिया गया है, सभी के सभी गैर भाजपा शासित राज्य ही क्यों है? और ना ही इस बात को कोई ठोस जवाब दिया गया कि लालू प्रसाद कैसे आरक्षण विरोधी हो गये?