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के.के पाठक मामले में राजद में दो फाड़! दूसरे दिन भी कार्यालय नहीं पहुंचे शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर, अटकलें तेज

के.के पाठक मामले में राजद में दो फाड़! दूसरे दिन भी कार्यालय नहीं पहुंचे शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर, अटकलें तेज

पटना(PATNA)- शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव के. के पाठक के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. हालांकि इस मामले में सीएम नीतीश के हस्तक्षेप के बाद प्रोफेसर चन्द्रशेखर मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से कार्यालय नहीं आने से राजनीतिक अटकलों का दौर अभी भी जारी है.

ध्यान रहे कि कल ही सीएम नीतीश ने दोनों को अपने कार्यालय में बुलाकर मामले का समाधान करने का निर्देश दिया था. साथ ही इस बात की सख्त हिदायत दी थी कि  इस मामले को मीडिया में तूल नहीं दिया जाय. दोनों की इस किचकिच से सरकार की छवि धूमिल हो रही है.

पूर्व सीएम राबड़ी देवी का दावा-ऑल इज वेल

हालांकि पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने दावा किया है कि इस मामले का कोई असर गठबंधन पर पड़ने वाला नहीं है, महागठबंधन पूरी शक्ति के साथ पीएम मोदी को उखाड़ फेंकने की रणनीति पर काम करता रहेगा. लेकिन बावजूद इसके राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने के. के पाठक को कान पकड़ कर बाहर निकलाने का बयान देकर राजद खेमे की भावनाओं को जग जाहिर कर दिया, भाई वीरेन्द्र को जदयू कोटे से मंत्री रत्नेश सदा का भी साथ मिला था, रत्नेश सदा ने के. के. पाठक को सांमती मिजाज का व्यक्ति बताते हुए कहा था कि वह अनावश्यक रुप से महादलितों को निशाने पर ले रहे हैं, जबकि राजद कोटे से एमएलसी रहे सुनिल सिंह ने यह दावा कर सनसनी फैला दी थी कि सीएम नीतीश अपने मंत्रियों पर निगरानी रखने के लिए इस प्रकार के अधिकारियों का इस्तेमाल एक औजार के रुप में करते रहे हैं. यह उनकी पुरानी अदा है.

सीएम नीतीश को के. के पाठक की बलि चढ़ानी ही होगी.  

राजद खेमे से परस्पर विरोधी बयानों से इस बात को बल मिल रहा है कि वहां सब कुछ ऑल इज वेल नहीं है, राजद कार्यकर्ताओं में के. के पाठक के लेकर गहरी नाराजगी है. हालांकि राजद नेतृत्व इस भावनाओं को कम करने की कोशिश करता दिख रहा है, क्योंकि अभी उसके निशाने पर पीएम मोदी है, और वह इस लड़ाई को कमजोर नहीं करना चाहता, ठीक यही स्थिति जदयू खेमे की भी है, वह भी किसी भी हालत में सीएम नीतीश के विपक्षी दलों की एकजुटता की मुहिम को कमजोर नहीं करना चाहता, लेकिन साफ है कि आग लगी हुई है. और यदि इस मामले का स्थायी समाधान करना है, तो सीएम नीतीश को के. के पाठक की बलि चढ़ानी ही होगी.

Published at:07 Jul 2023 03:58 PM (IST)
Tags:RJD split in KK Pathak case KK Pathak caseEducation MinisterEducation Minister Professor ChandrashekharPatnaपूर्व सीएम राबड़ी देवी का दावा-ऑल इज वेल राजद विधायक भाई वीरेन्द्र एमएलसी रहे सुनिल सिंह एमएलसी सुनिल सिंह
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