Ranchi- जिस तेजी और उत्साह के साथ सिद्धू-कान्हू की जन्मभूमि भोगनाडीह से बाबूलाल मरांडी हेमंत सोरेन की सरकार को घेरने के इरादे से निकले थें, वह उत्साह और तेजी भोगनाडीह में उतरता नजर आया, झारखंड भाजपा का कोई बड़ा चेहरा बाबूलाल के साथ खड़ा नजर नहीं आया, ले-देकर लुईस मरांडी, ढूल्लू महतो, अनंत ओझा और स्थानीय सांसद सुनील सोरेन की उपस्थिति रही और किसी प्रकार संकल्प यात्रा की औपचारिक शुरुआत की औपचारिकता पूरी कर ली गयी.
अकेले दम पर हेमंत को घेरने की कोशिश
हालांकि बाबूलाल ने अपने दम पर हेमंत सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की, जल जंगल जमीन से लेकर बालू, खनीज और पत्थर की लूट के लिए हेमंत सरकार को जिम्मेवार बताया. इस बात का दावा किया कि हेमंत सोरेन की सरकार में कुछ भी सुरक्षित नहीं है, सब कुछ लूटा जा रहा है और यदि इस लूट पर रोक लगानी है तो सिद्धू-कान्हू और बिरसा मुंडा की राह पर चल इस सरकार को उखाड़ फेंकना होगा.
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि हेमंत सरकार को उखाड़ने की ताकत कहां से आयेगी, सिद्धू-कान्हू और बिरसा के पीछे आदिवासियों-मूलवासियों की एक जमात खड़ी थी, उनके एक इशारे पर जान न्योछावर करने वाले युवाओं की कोई तंगी नहीं थी, क्योंकि उन युवाओं को उनके इरादे पर कोई संकोच और अविश्वास नहीं था. लेकिन यहां जो उनका नेतृत्वकर्ता है, उसकी विश्वसनीयता ही सवालों के घेरे में खड़ी है. जिस पार्टी का वह प्रतिनिधित्व कर रहा है, जिसके सहारे हेमंत सरकार को उखाड़ फेंकने के दावे किये जा रहे हैं, उस पार्टी में वह खुद ही अपने को स्थापित करने की लड़ाई लड़ रहा है.
नहीं तो क्या कारण है कि पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, अर्जून मुंडा के साथ ही इस अवसर पर कोई बड़ा चेहरा बाबूलाल के साथ खड़ा नहीं था, साफ है कि भाजपा के अन्दर से ही इस संकल्प यात्रा को चुनौती दी जा रही है, और अब जबकि इसकी शुरुआत कर दी गयी है, इसके परिणाम चाहे जो हो, कम से कम इसका समापन की औपचारिकता तो बाबूलाल को पूरा करना पड़ेगा.
सभी विधान सभाओं से होकर गुजरेगी यह संकल्प यात्रा
बाबूलाल ने कहा कि यह संकल्प यात्रा सभी विधान सभाओं से होकर गुजरेगी, इस दौरान राज्य की जनता को हेमंत सरकार के भ्रष्ट्र कारनामों से अवगत करवाया जायेगा. जिन उद्देश्यों के साथ झारखंड का गठन किया गया था, सिद्धू-कान्हू से लेकर बिरसा मुंडा ने अपनी शहादत दी थी, वह सपना आज भी अधूरा है. झारखंड को इन लूटरों से बचाने की जरुरत है.
सात चरणों में आयोजित होगी संकल्प यात्रा
पहले चरण में 17 से 20 अगस्त तक बरहेट, महगामा, बोरियो, राजमहल, गोड्डा, महेशपुर, पोड़ैयाहाट, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़ में होगा. 23 अगस्त से दूसरे चरण की शुरुआत होगी जो सारठ, देवघर, मधुपुर, जरमुंडी, जामा, शिकारीपाड़ा, दुमका, जामताड़ा, नाला और टुंडी विधानसभा क्षेत्र होकर गुजरेगी. तीसरे चरण की शुरुआत 4 से होगी जो बरही, बरकठ्ठा, जमुआ, धनवार, बगोदर से होकर गुजरेगी, 9 सितम्बर से चौथे चरण की शुरुआत होगी, इस चरण में बड़कागांव, हजारीबाग, मांडू, सिमरिया, रामगढ़, चतरा, हुसैनाबाद विधान सभा को कवर किया जायेगा. पांचवें चरण की शुरुआत 18 सितम्बर को होगी, वहीं 26 सितम्बर से छठे चरण की शुरुआत होगी जो झरिया, बाघमारा, चंदनकियारी, बोकारो, बेरमो, गोमिया, निरसा, सिंदरी, धनबाद, गिरिडीह और गांडेय विधानसभा क्षेत्र होकर गुजरेगी, जबकि सातवें चरण की शुरुआत तीन अक्टूबर से होगी इस चरण में जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी, बहरागोड़ा, घाटशिला, ईचागढ़, सिल्ली, खरसावां, सरायकेला, पोटका, जुगसलाई, तमाड़, खिजरी, मांडर, हटिया, कांके और रांची को कवर किया जायेगा और 10 अक्टूबर को इसका समापन किया जायेगा.