☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Big Stories

रांची से ‘राम’ का पत्ता साफ! अब कुर्मी पॉलिटिक्स में खिलेगा 'कमल' या यशस्विनी करेगी चमत्कार

रांची से ‘राम’ का पत्ता साफ! अब कुर्मी पॉलिटिक्स में खिलेगा 'कमल' या यशस्विनी करेगी चमत्कार

Ranchi-आखिरकार एक लम्बे इंतजार के बाद रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस ने सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को सियासी अखाड़े में उतारने का एलान कर दिया और इस के साथ ही राम टहल चौधरी की सियासत पर भी सवाल खड़े होने लगे. ध्य़ान रहे कि अभी चंद दिन पहले ही कांग्रेसी रणनीतिकारों ने रांची संसदीय सीट से पांच बार कमल खिलाने वाले राम टहल चौधरी का पार्टी में इंट्री करवायी थी. दावा किया जाता है कि कांग्रेस की ओर से उन्हे टिकट का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अंतिम बाजी यशस्विनी के हाथ लगी और पार्टी बदलने के बावजूद रामटहल चौधरी को किनारा कर दिया गया. हालांकि रामटहल चौधरी अंतिम समय आशांवित नजर आ रहे थें, उनका दावा था कि उन्होंने कभी भी अपनी ओर से टिकट के लिए प्रयास नहीं किया, यह तो कांग्रेस थी जिसे रामटहल चौधरी के चेहरे में 15 वर्षों का अपना सूखा समाप्त होता नजर आ रहा था. और इसी सूखे को समाप्त करने के लिए लालचंद महतो से लेकर वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो और बंधु तिर्की के द्वारा रामटहल चौधरी को मान  मनौबल का दौर चल रहा था. आखिरकार काफी आरजू के बाद उन्होंने इस पर अपनी मुहर लगायी थी, वह अपनी जीत को लेकर भी काफी आशांवित नजर आ रहे थें, लेकिन सियासत की पेचीदगियों में आखिरकार राम टहल चौधरी की इस सियासी चाहत पर आखिरकार विराम लग गया.

अब क्या होगी राम टहल चौधरी की भूमिका?

इस हालत में रांची संसदीय सीट का परिणाम क्या होगा? और क्या यशस्विनी के चेहरे में कांग्रेस का 15 वर्षों का सियासी सूखा खत्म होने वाला है, यह बहुत कुछ रामटहल चौधरी की सियासी बैटिंग पर भी निर्भर करता है, क्या रामटहल चौधरी इस फैसले के साथ सहज रुप से साथ खड़ा नजर आयेंगे? या फिर इसे अपने अपमान के रुप में प्रस्तूत कर रांची लोकसभा की 17 फीसदी कुर्मी मतदाताओं के बीच कोई सियासी पैगाम देंगे? और इसके साथ ही उनकी इस पीड़ा और व्यथा का कुर्मी मतदाताओं पर क्या असर होगा, यह भी देखने वाली बात होगी.  

कमल के मुकाबले कांग्रेस को करना होगा 2 लाख मतों का अतिरिक्त जुगाड़

यहां यह भी ध्य़ान रखने वाली बात है कि वर्ष 2019 के मुकाबले में भाजपा के संजय सेठ ने यह सीट करीबन तीन लाख मतों के साथ अपने नाम किया था. जबकि 2014 के सियासी मुकाबले में जब रामटहल चौधरी भाजपा उम्मीदवार के रुप में अखाड़े में मौजूद थें, तब भी सुबोधकांत सहाय को करीबन दो लाख मतों से हार का सामना करना पड़ा था, साफ है कि यदि कांग्रेस को इस सीट पर कांटे का मुकाबला बनाना है तो उसे कम से कम दो लाख अतिरिक्त मतों का जुगाड़ करना होगा. इस हालत में सवाल खड़ा होता है कि जिस चुनौती के पहाड़ के आगे खुद सुबोधकांत सहाय दम तोड़ गयें, लगातार हार का सामना करना पड़ा, क्या चुनौतियों के उस पहाड़ पर सियासी पेचीदगियों से अनजान उनकी बेटी यशस्विनी कोई चमत्कार करने वाली है. क्या यशस्विनी सहाय अपने चेहरे के बूते कम से कम दो लाख वोटों का अतिरिक्त जुगाड़ करने का सियासी मादा रखती है, और यदि यह जुगाड़ होता भी है तो कांग्रेस के निशाने पर वह कौन सा सामाजिक समूह होगा, जिसे यशस्विनी के चेहरे में अपनी सियासी भागीदारी का विश्वास होगा? इस चुनाव में इसकी भी अग्नि परीक्षा होनी है.

क्या यशस्विनी सहाय में युवा वर्ग देखेगा बदलाव का सपना

हालांकि यशस्विनी सहाय एक युवा चेहरा हैं. बाल श्रम, यौन शोषण की रोकथाम पर काम करने का अनूभव है.ट्रांस्नेशनल क्राइम एंड जस्टिस (यूनाइटेड नेशंस क्राइम एंड जस्टिस रिसर्च इंस्टीट्यूट), टुरिन, इटली से कानून का मास्टर डिग्री है. कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के साथ भी काम करने का अनुभव है. तो क्या रांची का युवा मतदाता यशस्विनी सहाय के बदलाव का सपना देखेगा या फिर उसे अभी भी पीएम मोदी का चेहरा ज्यादा विश्वसनीय नजर आता है, यह देखने वाली बात होगी. लेकिन यदि युवा कार्ड चल जाता है, अपने चेहरे और नारे से यशस्विनी सहाय युवा मतदाताओं में बदलाव का संदेश देने में सफल रहती तो मुकाबला कांटे का हो सकता है. नहीं तो आंकड़े कमल खिलाने का इशारा करते प्रतीत हो रहे हैं

आप इसे भी पढ़ सकते हैं

सरयू राय की इंट्री से धनबाद में त्रिकोणीय मुकाबला! खिलेगा कमल या होगी पंजे की वापसी

इंडिया गठबंधन में “MY” की उपेक्षा” राजद ने उठाया मुस्लिम-यादव हिस्सेदारी का सवाल

कितना त्रिकोणीय होगा राममहल का मुकाबला! विजय हांसदा के "विजय रथ" पर लोबिन का ताला या खिलेगा कमल

“अब टूट रहा रांची का सब्र” रामटहल चौधरी का बड़ा खुलासा, कांग्रेस ने साधा था सम्पर्क

LS POLL 2024-खतियानी नहीं हैं कोयलांचल का यह टाईगर, ढुल्लू महतो पर सरयू राय का बड़ा आरोप

Published at:23 Apr 2024 02:56 PM (IST)
Tags:Kurmi politicsYashaswini will do miraclesranchiranchi newsranchi loksabha seatrahul gandhiranchi lok sabha seat bjpindia alliance rally in ranchiranchi lok sabharanchi lok sabha bjp candidateranchi lok sabha chunavloksabha electionulgulan rally ranchiloksabha election 2024ranchi lok sabha seatranchi lok sabha newsindia allinace maha rally in ranchisanjay seth ranchi lok sabharanchi loksabha constituencyranchi publicRam Tahal Chaudharyyashaswini sahayIs Ramtahal cleared from Ranchi? Now the focus is on Kurmi votersसुबोधकांत सहायकांग्रेस ने सुबोध कांत सहाय की बेटी को रांची से दिया टिकटकांग्रेस पार्टीbreaking newscongressjharkhand newscongress candidate listlok sabha electionslok sabha elections 2024yashashwini sahaycongress listsubodh kant sahaijharkhand hindi newssubodh kant sahaysubodh kant sahay news रामटहल चौधरी Ranchi's power will be in the hands of Kurmi votersKurmi votersThe keys of Ranchi will be in the hands of Kurmi voterscongress candidate yashaswini sahayyashaswiniyashaswini cardyashaswini health cardrekha sahaysubodh sahaysubokant sahaywho is subodh kant sahaysubodhkant sahaysubodh kanth sahaysubodh kant sahay jharkhand
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.