टीएनपी डेस्क (TNP DESK) पूरे 136 दिनों के बाद संसद में लौटे राहुल गांधी आज विपक्ष की ओर से रखे गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करने वाले हैं, माना जा रहा है कि इस दौरान राहुल गांधी पिछले तीन महीनों से नस्लीय हिंसा की चपेट में धूं धूं कर जलते मणिपुर और अडाणी के साथ पीएम मोदी के रिश्ते पर सवाल खड़ा करेंगे.
कांग्रेस का दावा
याद रहे कि कांग्रेस का दावा है कि मोदी सरनेम तो एक बहाना है, वास्तव में अडाणी के साथ पीएम मोदी के रिश्तों को लेकर संसद में सवाल खड़ा करने पर एक सुनियोजित साजिश के तहत उनकी सदस्यता समाप्त की गयी थी. दरअसल अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को 2023 को रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया था, जिसके बाद अडाणी ग्रूप की कंपनियों के शेयर में रिकार्ड गिरावट देखी गयी थी, इस बीच राहुल गांधी ने खुले रुप से प्रधानमंत्री पीएम मोदी पर अंडाणी ग्रूप को संरक्षण देने का आरोप लगाया था, राहुल गांधी का दावा था कि अडाणी ग्रूप के मालिक गौतम अडाणी के साथ उनके निजी रिश्ते हैं, और इसी रिश्ते का इस्तेमाल कर गौतम अडाणी विदेशी दौरों में पीएम मोदी के सात घूमते रहते हैं और नियमों को ताक पर रख कर उन्हे लाभ पहुंचाया जाता है.
इसी आरोप के बाद गयी थी राहुल गांधी की सदस्यता
राहुल गांधी के इस आरोप के चंद दिन बाद ही गुजरात के एक निचली अदालत के द्वारा मोदी सरनेम मामले में उन्हे दो साल की सजा सुनाई गयी थी, तब भी बड़ा बवाल कटा था, खासकर जिस प्रकार से एक अवमानना मामले में पहली बार दो वर्ष की सजा सुनाई गयी, उसे लेकर भी कांग्रेस प्रश्न खड़े कर रही थी, बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट गया और वहां से राहुल गांधी की सजा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया, खुद में सुप्रीम कोर्ट ने भी दो वर्ष की सजा प्रदान किये जाने पर सवाल खड़े किये थें.