टीएनपी डेस्क(TNP DESK)अपनी सांसदी जाने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आये राहुल गांधी ने कहा कि मुझे संसद की सदस्यता जाने का कोई गम नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि यह सजा मुझे क्यों मिली?
लोकतंत्र की हिफाजत के आवाज उठाना गुनाह नहीं
उन्होंने कहा कि हिंडनेवर्ग की रिपोर्ट आने बाद लगातार मेरे द्वारा मोदी अडाणी के रिश्ते पर सवाल पूछा जा रहा था, आज भी मेरा सवाल वही है कि अडाणी की कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? क्या अडाणी मोदी के रिश्ते की इस सच्चाई को सामने लाना गुनाह है, क्या इस मुल्क का लोकतंत्र की हिफाजत के आवाज उठाना गुनाह है.
अडाणी प्रकरण पर मेरे भाषणों को संसद की कार्रवाई से निकाला गया
उन्होंने कहा कि संसद के अन्दर भी मैंने यही सवाल उठाया था, जिसके बाद मेरे भाषणों को संसद की कार्रवाई से निकाल दिया गया, उसके बाद भी जब मैंने आवाज उठाना बंद नहीं किया तो, संसद में हंगामें की स्थिति पैदा कर दी गई, मुझे बार-बार बोलने से रोका जाने लगा?
संसद के अन्दर भाजपा मुझे बर्दास्त नहीं कर पा रही थी
संसद के अन्दर मेरी उपस्थिति को भाजपा बर्दास्त नहीं कर पा रही थी. अडाणी से मोदी के रिश्ते को सामने लाते ही भाजपा के अन्दर एक बेचैनी पैदा हो रही थी.
देश के सबसे भ्रष्ट व्यक्ति की रक्षा में क्यों खड़ें हैं मोदी
उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि देश के सबसे भ्रष्ट व्यक्ति को प्रधानमंत्री की ओर से बचाने की कोशिश की जा रही है, आखिर क्या कारण है कि इस मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की विपक्ष की मांग को नहीं मानी जा रही है. क्या इस देश में अडाणी का मतलब भारत हो गया, क्या एक भ्रष्ट व्यक्ति के बचाव में पूरा तंत्र खड़ा होगा, क्या अडाणी का मतलब भारत है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से दबने वाले नहीं है, देश की हिफाजत और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मैं आवाज उठाता रहूंगा, अब मेरी लड़ाई सड़क पर होगी.
यदि यह पैसा पीएम मोदी का है तो यह पैसा उन्हें मिलना चाहिए
उन्होंने कहा यदि यह 20 करोड़ रुपये पीएम मोदी के हैं तो यह पैसा उन्हे दे देना चाहिए, हम तो सिर्फ इसकी जांच की मांग कर रहे हैं कि यह 20 करोड़ रुपये किसके हैं?