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सिस्टम पर सवाल खड़ा करने का दंड! पीई जांच की अनुमति के बाद मिसफिका हसन ने सीएम के खिलाफ खोला मोर्चा 

सिस्टम पर सवाल खड़ा करने का दंड! पीई जांच की अनुमति के बाद मिसफिका हसन ने सीएम के खिलाफ खोला मोर्चा 

Ranchi-भाजपा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा की महामंत्री मिसफिका हसन ने अपने उपर पीई दायर करने के आदेश को राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया है, इस आदेश के लिए सीधे-सीधे सीएम हेमंत सोरेन को जिम्मेवार बताते हुए मिसफिका हसन ने कहा है कि यह सिस्टम के खिलाफ आवाज बुलंद करने का इनाम है. हेमंत सरकार में जो भी सिस्टम पर सवाल खड़ा करेगा, उसकी यही गति होगी, क्योंकि यहां इंसाफ की मांग करना भी गुनाह है.

मिसफिका हसन ने कहा कि कायदे से सीएम हेमंत को पीई दायर करने का आदेश देने से पहले मेरा पक्ष भी जानना चाहिए था, लेकिन हमारा पक्ष नहीं सुना गया. और आनन-फानन में राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त होकर जांच की अनुमति प्रदान कर दी गयी. इस आदेश से साफ हो गया कि पूरे संताल क्षेत्र में झामुमो को अपनी जमीन खिसकी नजर आ रही है और उन्हे यह लगता है कि इस प्रकार से भाजपा कार्यकर्ताओं को फर्जी मामले में फंसा कर झामुमो अपनी राजनीतिक जमीन वापस पा लेगा तो यह उनकी भारी भूल है.  

ध्यान रहे कि अवैध तरीके संपत्ति अर्जित करने के आरोपों का सामना कर रही भाजपा नेत्री मिसफिका के विरुद्ध एसीबी ने सीएम हेमंत से पीई दायर करने की अनुमति की मांग की थी, जिसे कल ही सीएम की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गयी. इसके पहले सीएम हेमंत ने रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों को खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच का आदेश दिया था, अब एसीबी को भाजपा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा की महामंत्री मिसफिका हसन के खिलाफ जांच की अनुमति प्रदान कर दी गयी है. सीएम हेमंत की इस कार्रवाई को झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े जंग की शुरुआत मानी जा रही है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और कुछ लोगों के खिलाफ जांच का आदेश दिया जा सकता है.

कौन है मिसफिका हसन

ध्यान रहे कि यह वही मिसफिका हसन हैं, जिनका रघुवर सरकार में जलबा चलता था, अधिकारी से लेकर पार्टी पदाधिकारी तक उसकी जी हुजूरी में लगे रहते थें. मिसफिका का यह जलबा सिर्फ झारखंड भाजपा में ही नहीं था, बल्कि उसकी तूती पश्चिम बंगाल भाजपा में बोलती थी. आज के दिन भी वह पश्चिम बंगाल प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा की सह प्रभारी, प्रदेश प्रवक्ता है.

मुखिया रहते करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप

वर्ष 2016 से 2018 के दौरान पाकुड़ जिले के ईलामी पंचायत की मुखिया रहते हुए मिसफिका पर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने आरोप है. इस आरोप को सामने आने के बाद  एसीबी ने  जमशेदपुर में मामला दर्ज किया था. दावा किया जाता है कि इस अवैध कमाई से आठ जमीनों का निबंधन करवाया गया था,  साथ ही करोड़ों रुपये के दूसरी परिसंपत्तियां भी अर्जित की गयी थी. अब सीएम हेमंत ने एसीबी की ओर से मांगी गयी पीई दायर करने की अनुमति  पर अपनी सहमति प्रदान कर दी गयी है.

 किन किन मंत्रियों को खिलाफ दिया गया था जांच का आदेश

ध्यान रहे कि इसके पहले सीएम हेमंत ने रघुवर शासन काल में मंत्री रहे अमरी बाउरी, रणधीर सिंह, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा और लईस मरांडी के खिलाफ पीई दायर करने के अनुरोध को अनुमति प्रदान किया था और अब मिसफिका हसन के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है.

Published at:18 Aug 2023 04:45 PM (IST)
Tags:मिसफिका हसनPunishment for questioning the system Misfika Hasan PE probe allowedcm Hemant
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