रांची(RANCHI)- मनी लाउंड्रिंग मामले में जांच का सामने कर रहे निंलबित आईएएस और पूर्व खनन सचिव पूजा सिंघल की डिस्चार्ज पिटीशन पर ईडी कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गयी, अब 3 अप्रैल को अदालत अपना फैसला सुनायेगी.
सुनवाई के दौरान उपस्थित रही पूजा सिंघल
विशेष न्यायधीश पी. शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान पूजा सिंघल भी उपस्थित रहीं, उनकी ओर से अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी और विक्रांत सिन्हा ने पक्ष रखा, जबकि ईडी की ओर से अधिवक्ता आतिश कुमार ने बहस की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
मामले में दाखिल हो चुका है चार्जशीट
यहां बता दें कि इस मामले में पूजा सिंघल, उनके पति अभिषक झा, सीए सुमन कुमार और खूंटी के तत्कालीन सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ ईडी ने पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दिया है, अब इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी की जानी है. जबकि पूर्व जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
अंतरिम जमानत पर हैं पूजा सिंघल
हालांकि पूजा सिंघल को इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय से पहले ही दो माह की अंतरिम जमानत मिल चुकी है. इसके पहले बेटी की बीमारी के आधार पर उन्हे एक माह की अंतरिम जमानत मिली थी.
6 मई 2022 को पूजा सिंघल के 20 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
यहां यह भी बता दें कि पिछले साल 6 मई को ईडी ने पूजा सिंघल से जुड़े 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. तब ईडी को पूजा सिंघल से जुड़े ठिकानों से करीबन 19 करोड़ रुपये मिले थें. जिसके बाद 11 मई, 2022 को ईडी ने उन्हे गिरफ्तारी कर लिया था.
खूंटी मे पदस्थापन के दौरान मनरेगा में काम के लिए 18.06 का अग्रिम भुगतान
ध्यान रहे कि रघुवर शासन काल में जब पूजा सिंघल खूंटी में पदस्थापित थी, तब उनके द्वारा मनरेगा में काम के लिये अभियंता को 18.06 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था. इसी आधार पर उन पर मनरेगा घोटाले का आरोप लगता रहा है. और उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी.