रांची (TNP Desk) : झारखंड में एक बार फिर सियासी तूफान आने वाला है. इस तूफान में कौन रहेगा और कौन चला जायेगा यह तो कहना अभी कठिन है. लेकिन जो सियासी ड्रामा चल रहा है उसे आप नकार नहीं सकते हैं कि ड्रामा के बीच एक तूफान भी आएगा.
कांग्रेस विधायकों का सियासी ड्रामा
दरअसल इस सियासी तूफान की कहानी पहले ही लिख गई थी. जब चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था. उससे कुछ घंटे पहले कांग्रेस के विधायकों ने ड्रामा करना शुरू कर दिया. इनलोगों का कहना था कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जाए, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेता ने उनकी बातों को नहीं माना और पुराने चेहरों पर ही दांव खेला. यहीं से 12 विधायकों की नाराजगी शुरू हो गई.
नाराज विधायकों ने बैठक कर बनाई रणनीति
जानकारी मिली है कि कांग्रेस के 12 बागी विधायक बिरसा चौक के रासो होटल में गुप्त बैठक कर रही है. बैठक में क्या रणनीति इनलोगों ने बनाई है उसकी जानकारी तो नहीं मिली है. लेकिन इतना कह सकते हैं कि अगर कांग्रेस के 12 विधायक बागी हो गए तो राज्य में सियासी संकट को कोई भी टाल नहीं सकता है. वहीं सियासी संकट के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार चंपाई सोरेन की दिल्ली यात्रा है. सीएम चंपाई के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी गए हैं. जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे. अब देखना होगा कि चंपाई सरकार सियासी संकट से कैसे उबर पाती है.
पुराने चेहरों पर दांव खेलकर फंसी झारखंड कांग्रेस!
दरअसल, कांग्रेस ने पुराने चेहरों पर ही दांव खेला. पार्टी ने रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल और आलमगीर आलम को मंत्री पद दिया. जिससे दूसरे विधायक नाराज हो गए. विधायकों ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को ज्ञापन देते हुए दो टूक कहा कि सभी चारों मंत्री को बदलें, नहीं तो वे विधानसभा सत्र में नहीं जायेंगे. बजट सत्र से पहले पार्टी फैसला ले, नहीं तो राज्य से बाहर चले जायेंगे.
बाबूलाल मरांडी के समर्थन में बयान देते हैं कांग्रेस कोटे के मंत्री
नाराज विधायकों ने प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि कॉल करने पर मंत्री फोन तक नहीं उठाते हैं. चार साल इनका काम देखा है. सरकार में रहते हुए मंत्रियों ने कोई काम नहीं किया है. हम क्षेत्र में क्या मुंह लेकर जायेंगे. ये सभी मंत्री बाबूलाल मरांडी के समर्थन में बयान देते हैं. पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद पर रहें. वहीं 12वां मंत्री कांग्रेस कोटे से बनाया जाना चाहिए.
कांग्रेस के बागी विधायकों के कारण बैजनाथ राम का मंत्री पद से कटा पत्ता
गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी 12 विधायकों की वजह से लातेहार से झामुमो विधायक बैजनाथ राम का मंत्री पद से पत्ता कट गया. जबकि बैजनाथ राम का नाम मंत्री पद के लिए राजभवन भेजा गया था. वह राजभवन के लिए निकल भी गये थे. इसके बाद सूचना मिली कि उन्हें शपथ नहीं लेना है. वह बीच रास्ते से ही लौट गये. इसके बाद बैजनाथ राम झामुमों के खिलाफ ही बगावत कर दी. लातेहार विधायक ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को दो दिनों का अल्टीमेटम दिया है. देखने वाली बात होगी कि सिर्फ कांग्रेस में दो फाड़ होगी या झामुमो में भी टूट होगी.