Ranchi-10 फरवरी को पलामू में आयोजित कार्यक्रम को रद्द करने के मामले में होईकोर्ट में वर्चुअल मोड में सुनवाई पूरी हुई, मामले में प्रशासन का पक्ष रखते हुए डीसी शशि रंजन और डीजीपी ने कोर्ट को बतया कि आयोजकों के द्वारा करीबन तीन लाख श्रद्धालूओं के जुटने की बात कही गयी है, प्रशासन के सामने इतनी विशाल भीड़ के लिए विधि व्यवस्था को बनाये रखने के साथ ही उनके लिए सीसीटीवी कैमरा, पार्किंग स्थल, टॉयलेट करना एक बड़ी चुनौती है. प्रशासन का पक्ष जानने के बाद कोर्ट ने आयोजकों से कहा कि यदि आप कार्यक्रम की अनुमति के साथ ही श्रद्धालूओं के लिए सुविधा की भी मांग कर रहे हैं तो उसकी पूरी सूची के साथ नयी याचिका दायर करें. आयोजकों को गुरुवार के बारह बजे तक नयी याचिका दाखिल करनी होगी.
एक के बाद एक बाबा के सारे कार्यक्रम हो रहे हैं रद्द
ध्यान रहे कि एक के बाद एक बाबा के झारखंड में सारे कार्यक्रम रद्द हो रहे हैं, हर बार प्रशासन के द्वारा एन वक्त पर किसी ना किसी कारण का हवाला देकर अनुमति वापस ले ली जाती है, 10 फरवरी को पलामू में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के साथ भी यही हुआ, पलामू डीसी शशि रंजन ने विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा कर दी, उन्होंने कहा कि आयोजकों के द्वारा नदी के किनारे कार्यक्रम करने की अनुमति की मांग की गयी थी, किसी भी नदी के किनारे कार्यक्रम के लिए पहले विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है, दूसरी समस्या श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की थी, आयोजकों के द्वारा करीबन तीन लाख लोगों के शामिल होने की सूचना दी गयी थी. प्रशासन के लिए इस भारी भीड़ को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होता और आखिरकार कार्यक्रम को रद्द करने का आदेश देना पड़ा. इसके पहले बाबा का धनबाद में भी कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश की गयी थी, बाधमारा विधायक ढुल्लू महतो कार्यक्रम को लेकर पूरी तैयारियों में जुटे थे. लेकिन उन्हे कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली. इसके बाद धनबाद में कार्यक्रम आयोजित करवाने की कोशिश की गयी, लेकिन वहां भी प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया, ठीक यही स्थिति रांची के धूर्वतारा मैदान को लेकर भी हुई, यहां भी अनुमति नहीं मिली, आखिरकार बाबा को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा, अब पलामू से भी कार्यक्रम की अनुमति वापस लेने की खबर आयी है.
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