Ranchi-हमारी लड़ाई उस सामंती सोच और ताकतों के खिलाफ है, जो दलित, आदिवासी और पिछड़ों को महज एक मजदूर समझता है. इन सामंतों का मानना है कि दलित, आदिवासी और पिछड़े सिर्फ दरी उठाने और बिछाने के लिए हैं, सीएम, डीएम और पीएम की कुर्सी इनके लिए नहीं है. छठी अनुसूचि से शासित राज्यों की बात छोड़ दें तो देश का एकलौता आदिवासी मुख्यमंत्री हूं, यही इनकी पीड़ा है, और यही हमारा कुसूर.
देश की आजादी के 75 साल के बाद भी ये लोग इस सोच से बाहर नहीं निकले हैं कि दलित आदिवासी और पिछड़े शासक भी बन सकते हैं, सिर्फ दरी उठाना और बिछाना उनका काम नहीं है, इसी सामंती सोच का नतीजा है कि हमारी सरकार की ताजपोशी से पहले ही गिराने का षडयंत्र शुरु हो गया. एक आदिवासी सीएम के रुप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, इसके लिए पहले ही दिन से राजनीतिक तिकड़मों का निर्माण किया जाने लगा. यह ईडी और सीबीआई और दूसरे केन्द्रीय एजेंसियां इसी दायित्व को निभा रही है. लेकिन तमाम तिकड़मों के बाद भी आज हमारी सरकार बची हुई है तो सिर्फ आदिवासी मूलवासियों की असीम कृपा सें.
विकास को राजधानी से गांव कस्बा तक ले गया
तीन साल की इस सरकार ने विकास की दर्जनों योजनाओं की शुरुआत की, वह विकास जो पहले सिर्फ राजधानी में दौड़ा करता था, उसे हमने गांव-कस्बों तक पहुंचाया, दलित-आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को इसका भागीदार बनाया. स्कूलों की दिशा और दशा बदलने की शुरुआत की गयी, मॉडल स्कूलों को खोला गया, हमारे बच्चें भी अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर सके, इसके लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की गयी, जिन अंग्रेजों ने कभी हम पर शासन किया था. जिसके खिलाफ हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी थी, हमने दलित आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के बच्चों को उन अंग्रेजों के बच्चों के साथ पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा, यही हमारा कुसूर है.
हर मानकी मुंडा को सरकार की ओर से एक मोटरसाइकिल
मानकी मुंडा यही हमारे मुख्यमंत्री हैं, उनका सम्मान ही हमारा सम्मान है. हमारी सरकार सभी मानकी मुंडाओं को हमारी सरकार मोटरसाइकिल दिया जायेगा. हमसे पहले झारखंड में डबल इंजन की सरकार थी, उसी सरकार में इस राज्य को डबल हाथों से लूटा गया. लेकिन जैसे ही हमने यहां की सरकार को हटाया, गरीबों का आवास बंद कर दिया गया, जिसके बाद हमारी सरकार ने अबुआ आवास देने का एलान किया.
बीस वर्ष की गंदगी को साफ करने में कुछ वक्त और लगेगा
यह एक सच्चाई है कि यदि 2019 जेएमएम की सरकार नहीं बनती तो आदिवासी-मूलवासियों के लिए शासन के दरवाजे सदा के लिए बंद हो चुके थें. लेकिन एन वक्त पर हमारी इंट्री हुई और आज आदिवासी -मूलवासियों को सामने रख कर नीतियों का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन 20 साल की गंदगी को इस तीन साल में साफ नहीं किया जा सकता, अभी भाजपा की फैलाई हुई गंदगी को साफ करने में लम्बा वक्त लगेगा.
मखमल के खाट पर सोने वालों को जनता ने पत्थर पर पटक दिया
डुमरी उपचुनाव की जीत की ओर इशारा करते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि मखमल के खाट पर सोने वालों को जनता ने पत्थर पर पटक दिया है, उनकी सही जगह दिखला दिया है. कहा जाता है कि हमने खनन लूटा, किसी भी खान में जाओ और पूछों की उसका संचालन कौन कर रहा है, क्या वह सोरेन परिवार कर रहा है, यदि बच्चियों को पढ़ाना, महिलाओं को पेंशन देना, गरीबों को आवास देना, लूट है तो यह लूट हम हर दिन हर पल करेंगे.