Ranchi-झारखंड शराब घोटाले को लेकर ईडी की सक्रियता और हेमंत सरकार के द्वारा रघुवर शासन काल के पांच मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच के आदेश के बाद अब साहिबगंज खनन घोटाले में एनजीटी की गतिविधियां भी तेज होती नजर आने लगी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) कोलकाता ने मई 2023 से जुलाई 2023 के बीच साहिबगंज से बोल्डरों की ढुलाई का आदेश दिया है, जिसके बाद ढुलाई के कारोबार में लगी मेसर्स जीके इंटरप्राइजेज कोलकाता और मां तारा कंस्ट्रक्शन कंपनी मुजफ्फरपुर के साथ ही खनन कारोबार से जुड़े कई चेहरों के सामने संकट खड़ा होता नजर आने लगा है.
एनजीटी ने इस जांच के लिए मिशन क्लीन गंगा नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल, झारखंड के खान निदेशक, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सचिव, साहिबगंज के डीसी समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है. इसके साथ ही मेसर्स जीके इंटरप्राइजेज कोलकाता और मां तारा कंस्ट्रक्शन कंपनी मुजफ्फरपुर को इस मामले में चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है. एनजीटी ने डीसी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर तीन सप्ताह में पूरे मामले की जांच रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया है.
ध्यान रहे कि इस मामले में एक याचिका दायर कर यह दावा किया गया था कि वर्ष 2023 में साहेबगंज में इन कंपनियों के द्वारा अवैध खनन कर उसे बाहर भेजा गया. जिसके बाद एनजीटी ने इस जांच का आदेश दिया है. यहां भी बता दें कि दावा किया जाता है कि साहिबगंज में करीबन दस हजार करोड़ रुपये का अवैध खनन किया गया है, हालांकि इन आरोपों की जांच पहले से ही ईडी कर रही है, लेकिन अब एनजीटी ने खास तौर से मई 2023 से जुलाई 2023 तक किये गये ढुलाई का जांच करने का आदेश दिया है.