टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- यूपी की राजनीति में बहन मायावती के विकल्प के तौर पर देखे जाने वाले और भीम आर्मी नामक सामाजिक संगठन के सहारे दलित-वंचित जातियों के बीच अपनी सामाजिक पैठ बनाते रहे चन्द्रेशखर रावण की दहाड़ 2024 के बाद लोकसभा में भी सुनने को मिल सकती है.
खबर है कि इंडिया गठबंधन के बनैर तले रावण पश्चिमी यूपी के नगीना लोकसभा से चुनावी दंगल का हिस्सा बन सकते हैं. और उनकी इस सियासी यात्रा में मददगार बनेंगे राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह. दावा किया जा रहा है कि बहुजन नायक कांशीराम के परिनिर्माण दिवस पर नगीना लोकसभा में एक बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, और बहुत संभव है कि इसी कार्यक्रम के दौरान इसकी औपचारिक घोषणा भी कर दी जायेगी.
ध्यान रहे कि चन्द्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी कांशीराम के परिनिर्माण दिवस से यूपी में तीन बड़ी रैलियों का आयोजन करने जा रही है. इसकी शुरुआत नगीना लोकसभा से होगी, दूसरी रैली 22 अक्तूबर को पूर्वांचल में आजमगढ़ में होगी और तीसरी रैली मध्यांचल के कानपुर में. इन तीनों ही रैलियों में मुख्य वक्ता चन्द्रशेखर होंगे, हालांकि इंडिया गठबंधन के दूसरे नेताओं की भी इसमें भागीदारी की बात कही जा रही है. चन्द्रशेखर की इस कवायद को इंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है.
अल्पसंख्यक मतदाताओं के हाथों में कैद होगा चन्द्रशेखर रावण का सियासी ईट्रीं का भविष्य
ध्यान रहे कि नगीना लोकसभा सीट में अल्पसंख्यक मतदाताओं की आबादी पचास फीसदी से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीबन 21 फीसदी है. लेकिन यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, 2009 से पहले यह बिजनौर लोकसभा का हिस्सा था, लेकिन वर्ष 2009 में इसे अलग लोकसभा बनाया गया, अब तक यहां से एक एक बार सपा भाजपा और बसपा ने जीत का परचम लहराया है, लेकिन इस बार चन्द्रेशखर रावण के चुनावी अखाड़े में उतरने की खबर से यह सीट पर संघर्ष बेहद रोचक होता नजर आ रहा है, चन्द्रशेखर रावण को साध कर इंडिया गठबंधन बहन मायावती की काट की तलाश कर रही है, खबर रहे कि अपनी तमाम राजनीतिक पराभव के बाद आज भी बहन मायावती का करीबन 11 फीसदी मतों पर पकड़ बरकरार है, और यह आंकड़ा किसी भी हार जीत को बदलने में सक्षम है.
यहां यह भी बता दें कि नगीना लोकसभा में नजीबाबाद, नगीना, धामपुर, नहटौर और नुरपुर कुल पांच विधान सभा की सीटें है, इसमें अभी नगीना, नजीबाबाद और नुरपुर विधान सभा से सपा जबकि धामपुर, नटहौर विधान सभा से भाजपा का विधायक है, इस प्रकार यह मुकाबला कांटे का माना जा रहा है.