Ranchi- झारखंड पुलिस की ओर से 25 लाख और एनआईए की ओर से पांच लाख रुपये का इनामी कुख्यात नक्सली दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच एनआईए की टीम रांची लेकर पहुंच चुकी है, अब ध्रुवा स्थित एनआईए कार्यलय में रख कर उसके साथ पूछताछ की जा सकती है. माना जा रहा है कि इस पूछताछ में झारखंड में एक बड़े नेटवर्क का खुलासा कर सकता है, उन सफेदपोश चेहरों से भी पर्दा उठ सकता है, जिनके द्वारा नक्सलियों के लिए हथियार और पैसे की व्यवस्था की जाती रही है.
दिल्ली या नेपाल से उसकी हुई गिरफ्तारी अभी एक रहस्य
ध्यान रहे कि दावा किया जा रहा है कि दिनेश गोप को एनआईए की टीम ने नेपाल स्थित किसी जगह से गिरफ्तार किया है, हालांकि एनआईए उसे दिल्ली से गिरप्तार करने का दावा कर रही है. कुछ दिनों से ऐसी खबरे आ रही थी कि दिनेश गोप पुलिस के डर से नेपाल में बैठकर अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा है. हालांकि पीएलएफआई का कमर पहले ही झारखंड पुलिस तोड़ चुकी थी और इसके दर्जनों सदस्य या तो गिरफ्तार किये जा चुके थें या पुलिस इनकांटर में उन्हे मार गिराया गया था, लेकिन बावजूद इसके दिनेश गोप नेपाल में बैठकर उगाही कर रहा था.
झारखंड में उसके सहयोगियों को मार गिराने के बाद नेपाल से कर रहा था गिरोह का संचालन
दावा यह भी किया जा रहा है कि दिनेश गोप नेपाल में भी किसी एक स्थान से अपनी गतिविधियों का संचालन नहीं कर रहा था, उसके द्वारा बार बार अपने ठिकाने बदले जा रहे थें, लेकिन एनआईए की टीम लगातार उसका पीछा कर रही थी, और आखिरकार एनआईए की टीम उस तक पहुंचने में कामयाब रही. जिसके बाद अब वह उसे लेकर रांची पहुंची है, अब एनआईए की कोशिश उन चेहरों से पर्दा उठाने की है, जिनक द्वारा झारखंड में नक्सलियों को आर्थिक और हथियारों की मदद की जाती रही है, माना जाता है कि इस पूछताछ के बाद कई चेहरे सामने आ सकते हैं.
हर वर्ष करोड़ो रुपये का करता था उगाही
यहां बता दें कि दिनेश गोप के पीएलएफआई का सबसे ज्यादा जोर रांची, खूंटी और सिमेडगा जिले में था, पीएलएफआई की कमाई का मुख्य साधन उसके द्वारा उठाया जाने वाला लेवी था. उसके एक संदेश पर बिल्डर्स, बड़े कारोबारियों और ठेकेदारों के द्वारा लेवी पहुंचाया जाता था.