टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले चाईबासा में झारखंड पुलिस संयुक्त रूप से अभियान चला रही है. इसमें सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन के साथ झारखंड जगुआर की टीम को तैनात किया गया है. ताकि इलाके में नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया किया जा सके. सुरक्षाबल के जवान चाईबासा के जंगलों में अलग-अलग अभियान चलाकर नक्सलियों को घेरने का काम कर रहे है. हालांकि कई बार सुरक्षाबल के जवानों को इसमें कामयाबी भी हासिल होती है. लेकिन इसके विपरीत सुरक्षाबलों औऱ आमलोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. पिछले कुछ सालों में नक्सली ने 650 घटनाओं को अंजाम दिया है जिसमें कई जवानों की भी मौत हो गई है. लेकिन इन सब के बावजूद भी लगातार झारखंड पुलिस मुख्यालय से नक्सलियों के सफाया को लेकर अभियान चला रही है.
चाईबासा के इन इलाकों में नक्सली काफी सक्रिय
आपकों बता दें कि चाईबासा के कुछ ऐसे जंगल है जहां नक्सली काफी सक्रिय है. साथ ही समय-समय पर नक्सली इन इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते है. जिनमें चाईबासा का गोईलकेरा जंगल, टोंटो जंगल औऱ पोड़ाहाटा जंगल के साथ किरीबुरू (सारंडा) का जंगल शामिल है. बता दे कि पिछले कुछ दिनों से चाईबासा के गोईलकेरा जंगल में नक्सली लगातार घटना को अंजाम देरकर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे है. शुक्रवार को भी नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान में गोईलकेरा थाना क्षेत्र में सुरक्षाबल के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुआ था. जिसमें कई नक्सलियों के घायल होने की सूचना सामने आई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी तक इसकी पुष्ठी नहीं की गई है.
2022 के मुकाबले 23 में अधिक नक्सली हमला
आपकों बता दें कि साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में नक्सलियों ने ज्यादा घटना को अंजाम दिया है. 2022 में जहां नक्सलियों ने कुल 90 घटनाओं को अंजाम दिया था तो वहीं दूसरी तरफ 2023 में नक्सलियों ने अब तक 97 घटनाओं को अंजाम दे दिया है. इस घटना में कई इनामी नक्सली मुठभेड़ में मारे गए है. तो वहीं कई नक्सलियों ने डर से खुद को पुलिस के समझ सरेंडर कर दिया है. जिसमें सबसे से अधिक पलामू जिले के नक्सली शामिल है. तो वहीं दूसरी और नक्सली गतिवीधियों को नाकाम करने में कई सुरक्षा बल के जवान भी शहीद हुए है.
पुलिस मुख्यालाय ने एनआईए को भी किया शामिल
आपकों बता दें कि हाल ही में झारखंड पुलिस मुख्यालाय ने नक्सली गतिविधी को रोकने के लिए एनआईए को भी शामिल कर दिया है. पुलिस मुख्यालय ने जांच ऐजेंसी एनआईए को कई ऐसे मामलों की झारखंड पुलिस मुख्यालाय की ओर से एनआईए को 21 बड़े नक्सली मामलों की लिस्ट सौपी गई है. अब एनआईए भी नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है. इसके साथ ही एनआईए माओवादियों के धन और राशन मुहैया कराने वालों पर विशेष निगरानी रख रही है ताकि नक्सलियों को चारों तरफ से सुरक्षाएजेंसी घेर सके. फिलहाल देखना यह होगा की क्या झारखंड के बूढ़ा पहाड़ को जिस प्रकार नक्सलियों से मुक्ति मिल चुकी है. तो क्या चाईबासा के जंगलों और स्थानीय लोगों को भी इन नक्सलियों से मुक्ति मिल मिलेगी या नहीं.