पटना(PATNA): विपक्षी दलों की पटना में बैठक समाप्त होते ही सबकी निगाहें कैबिनेट विस्तार पर लगी हुई है, चर्चाओं का बाजार इसलिए भी गर्म है कि क्योंकि इसी बैठक के बाद कई राजनेताओं और अधिकारियों की उपस्थिति में राहुल गांधी ने सीएम नीतीश से मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में सवाल किया था.
तब राहुल गांधी ने पूछा था कि आप मंत्रिमंडल का विस्तार कब करने जा रहे हैं? जिसके बाद सीएम नीतीश ने लालू प्रसाद यादव की ओर इशारा करते हुए कहा था, कि इस सवाल का जवाब वही देंगे. सीएम नीतीश ने लालू यादव से यह भी पूछा था कि कितने लोगों को मंत्री बनाना है, लेकिन लालू प्रसाद इसका जवाब देते, उसके पहले ही बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि दो लोगों को मंत्री बनाना है.
नीतीश मंत्रिमंडल की चाबी लालू के पास
इस बातचीत से साफ है कि नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार की चाबी लालू प्रसाद यादव के पास है, अंतिम निर्णय लालू प्रसाद यादव को ही लेना है, यहां याद रहे कि जदयू ने अपने कोटे से सारे मंत्री पद भर दिये हैं, बची हुई सीटों के लिए राजद और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं, जहां कांग्रेस एक मंत्री पद की मांग कर रहा है, वहीं राजद का दावा भी दो और मंत्री पद पर है, इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेवारी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर डाली गयी है, यही कारण है कि नीतीश कुमार लालू यादव से इस मामले में निर्णय लेने का आग्रह करते नजर आ रहे हैं.
कार्तिकेय सिंह और सुधाकर सिंह सौंप चुके हैं अपना अपना इस्तीफा
ध्यान रहे कि राजद कोटे से मंत्री बनाये गये पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अलग-अलग कारणों से अपना-अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश को सौंप दिया था. जिसके बाद से मंत्रियों का पद खाली है, लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस भी अपने लिए एक मंत्री पद की मांग कर रहा है.
दावा किया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस किसी सवर्ण चेहरे को मंत्री बना सकती है, खास कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम तेजी से उछल रहा है, हालांकि इस मामले में अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे और लालू प्रसाद यादव को लेना है, जैसे ही दोनों की ओर से सहमति प्रदान कर दी जाती है, नामों पर मुहर लगा दिया जाता है, मंत्रिमंडलका विस्तार होना तय है.