टीएनपी डेस्क(TNP DESK)- मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा रुकती दिख नहीं हो रही है, गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भी दोनों समुदाय के बीच हिंसक झड़पें तेज होती जा रही है, पूरे राज्य में अव्यवस्था का माहौल है, ताजा मामले में दो हजार की भीड़ ने एक एंबुलेंस को एसपी के सामने आग के हवाले कर दिया. जब तक पुलिस कुछ कर पाती घटनास्थल पर सिर्फ मृतकों की राख और हड्डियां बची थी. मृतकों में सात वर्ष की टॉन्सिंग हैंगिंग, मां मीना हैंगिंग और एक रिश्तेदार लिडिया लौरेम्बम शामिल हैं.
इंफाल से करीबन 15 किलोमीटर दूर असम राइफल्स के कैंप में रह रहे थें सभी मृतक
ये सभी लोग इंफाल के करीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर असम राइफल्स के कैंप में रह रहे थें. ये सारे परिवार कुकी समुदाय से हैं, कैंप के बाहर मैतेई समुदाय के द्वारा लगातार फायरिंग की जा रही है. इसी गोलीबारी में ये तीनों घायल हो गये थें, कैंप की ओर से इसकी सूचना इलाके के एसपी को दी गयी, जिसके बाद प्रशासन के द्वारा एक एंबुलेंस भेज कर इन्हे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी शुरु हुई. अभी आधा सफर पूरा ही हुआ था कि मैतेई समुदाय का करीबन दो हजार की भीड़ ने एंबुलेंस को घेर लिया. जब तक कोई कुछ समक्ष पाता तब तक एसपी की मौजूदगी में ही एंबुलेंस को आग के हवाले कर दिया गया. हालांकि इस बीच इनके साथ जा रही नर्स और चालक मौके से फरार होने में कामयाब रहें.
मैतई समुदाय के थे सभी मृतक
बताया जा रहा है कि परिजनों को इस बात की जानकारी थी कि कैंप के बाहर मैतेई समुदाय के लोग एक-एक व्यक्ति की निगरानी कर रहे है, लेकिन चूंकि मृतक मीना और लीडिया ईसाई थी, साथ ही मीना की शादी एक कुकी युवक से हुई थी, इसी कारण वह यह विश्वास कर बैठे थें कि कम से कम वे लोग उसकी हत्या नहीं करेंगे, लेकिन कुकी समुदाय ने उस महिला को भी नहीं बख्शा और उसके साथ ही उसके बच्चे और रिश्तेदार की भी जान ले ली. एंबुलेंस कांड में जान गंवाने वाले बच्चे के स्कूल प्रिंसिपल एल ओत्सी खोंगसाई ने घटना पर अफशोश प्रकट करते हुए कहा है कि इन दो समुदायों के बीच बढ़ते इस नफरत को देख कर समझ नहीं आता कि हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.