TNPDESK-कुकी जनसमुदाय की महिलाओं का नग्न परेड और सार्वजनिक बलात्कार का वायरल वीडियो का दुष्परिणाम देश के दूसरे हिस्सों के साथ ही मिजोरम में भी दिखने लगा है. अंडरग्राउंड संगठन मिजो नेशनल फ्रंट से जुड़े पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA) ने मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों को तत्काल मिजोरम छोड़ देने की सलाह दी है. संगठन ने दावा किया है कि मणिपुर की घटना से पूरे देश के साथ ही मिरोजम में भी आक्रोश है, जिसका नुकसान मैतेई आबादी को उठाना पड़ सकता है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर होगा कि वे तत्काल मिजोरम को छोड़ कर चले जायें.
चेतावनी जारी होते ही मैतेई समुदाय में मणिपुर वापस आने की मची होड़
इस चेतावनी को जारी होती है मैतेई समुदाय में मिजोरम छोड़ने की होड़ मच गयी, लोग वहां से अपना घर-बार छोड़ कर भागते नजर
आने लगें, प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 40 लोग वापस मणिपुर पहुंच भी चुके हैं, इस अफरातफरी के बीच मणिपुर सरकार ने मिजोरम से मैतेई लोगों को निकालने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट की सेवा लेने की घोषणा की है.
कुकी और मिजो दोनों ही जनजाति समुदाय हैं
ध्यान रहे कि मिजो और कुकी दोनों ही आदिवासी समुदाय हैं, दोनों के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्ता है, पर्व त्योहारों में भी काफी एकरुपता देखी जाती है. यही कारण है कि जब मणिपुर के हालत बदले तो करीबन 12 हजार कुकी लोगों ने मिजोरम में शरण लिया. दावा किया जा रहा है कि जल्द ही पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों में मैतेई लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि रोजी-रोटी की तलाश में मैतेई समुदाय की एक बड़ी आबादी पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों में निवास करती है, और ये सारे आदिवासी बहुल राज्य है, जिनका कुकी समुदाय एक भावनात्मक रिश्ता है.
वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हाहाकार की स्थिति
यहां बता दें कि 4 मई को कुकी जनजाति समुदाय की महिलाओं के साथ सार्वजनिक बलात्कार और नग्न परेड का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हाहाकार की स्थिति है, पिछले 80 दिनों से सामुदायिक हिंसा में जलता रहा मणिपुर अचानक से राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बन गया, केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार से जवाब मांगे जाने लगे, उनकी डबल इंजन की सरकार के दावे पर प्रश्न चिह्नि खड़े किया जाने लगे, मणिपुर की डबल इंजन की सरकार को नकारा बताया जाने लगा, उस नृशंस वीडियो को देखकर देश की सर्वोच्च अदालत ने भी केन्द्र सरकार को फटकार लगायी और कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में परिणाम भुगतने को तैयार रहने को कहा गया. जिसके बाद खुद पीएम मोदी सामने आये और इस घटना पर अपना दुख प्रकट किया.