☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Big Stories

मनिका विधान सभा: अब तक बजता रहा है चेरो और खरवार का डंका, आज भी अपनी इंट्री के इंतजार में है उरांव जनजाति

मनिका विधान सभा: अब तक बजता रहा है चेरो और खरवार का डंका, आज भी अपनी इंट्री के इंतजार में है उरांव जनजाति

Ranchi-लातेहार जिला और चतरा लोकसभा के अंतर्गत आने वाला मनिका विधान सभा की गिनती झारखंड से सबसे पिछड़े इलाके में होती है. मनिका पहले लातेहार विधान सभा का हिस्सा था, लेकिन वर्ष 1977 में लातेहार विधान सभा के विभाजन के बाद इसका अस्तित्व सामने आया. अति उग्रवाद प्रभावित इस विधान सभा में आज भी आपको बड़ी संख्या में सीआपीएफ और दूसरे अर्ध सैनिक बलों की उपस्थिति देखने को मिलेगी.

मनिका में आदिवासियों की आबादी करीबन 60 फीसदी

एक अनुमान के हिसाब के इस विधान सभा में करीबन 70 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है, बाकी के तीस फीसदी में मुस्लिम और हिन्दू धर्म की दूसरी जातियां आती है. जबकि अनुसूचित जनजाति की बात करें तो सबसे बड़ी आबादी खरवार और उसके बाद चेरो जनजाति की आबादी है.

किस प्रखंड में किस सामाजिक समूहों की बहुलता

हेरंगज और बारियातू प्रखंड  में बनिया, यादव, परहिया, और भुइंया की मजबूत उपस्थिति है, तो बालूमाथ में मुस्लिम, कलाल नौनिया, गंझू, पासवान की बहुलता, चंदवा प्रखंड में बनिया,मुस्लिम और परहिया की आबादी है, लातेहार में मुस्लिम बनिया,उरांव यादव, खरवार और दलितों की मजबूत उपस्थिति. मनिका में खरवार, उरांव चेरो, मुस्लिम और यादवों की उपस्थिति है तो बरवाडीह में खैरवार, पीटीजी की बहुलता. मनिका में खरवारों की एक बड़ी आबादी है तो इसके साथ ही मस्लिम यादव और उरांव की भी उपस्थिति है. गारु प्रखंड में मुंडा, बनिया उरांव परहिया की आबादी तो महुआटांड़ में उरांव,यादव, मुस्लिम और नगेसिया की आबादी है. लेकिन विधान सभा में सबसे बड़ी आबादी खरवार और चेरो की है, उसके बाद ही उरांव जनजाति का नम्बर आता है.

उरांव जनजाति का सामाजिक आर्थिक स्थिति दूसरे समूहों की तुलना में बेहतर

यदि सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की बात करें तो कम जनसंख्या होने के बावजूद उरांव जनजाति का स्तर दूसरे आदिवासी समूहों की तुलना में काफी बेहतर नजर आता है, उरांव जनजाति के बीच स्नातक से लेकर मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा-युवतियों की अच्छी खासी संख्या है, इनके बीच नौकरी पेशा लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है. सेना से लेकर स्थानीय पुलिस और दूसरे विभागों में उनकी मजबूत उपस्थिति है. इसके विपरती चेरो और खरवार जनजातियों के बीच शिक्षा का वह स्तर देखने को नहीं मिलता.

मिशनरियों के द्वारा फैलाया जा रहा है शिक्षा का अलख

ध्यान रहे कि ईशाई मिशनरियों के द्वारा कई शैक्षणिक संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है. जिसका लाभ उरांव जनजाति के द्वारा काभी प्रचुरता से उठाया गया है. यहां यह भी ध्यान रखने की बात है कि उरांव जनजाति का बड़ी संख्या में धर्मांतरण हुआ है, और यही उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति में बदलाव की मुख्य वजह भी मानी जाती है.

सामाजिक आर्थिक जीवन में सुधार के बावजूद उरांव जनजाति को नहीं मिली सियासी सफलता

लेकिन मनिका विधान सभा में जिस तेजी से उरांव जनजाति का सामाजिक आर्थिक विकास हुआ, उनकी वह प्रगति राजनीतिक जीवन में देखने को नहीं मिलती. इतनी बड़ी संख्या में उरांव जनजाति के युवाओं के द्वारा उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद आज तक मनिका विधान सभा से कोई उरांव विधायक नहीं बन सका. जबकि रामेश्वर उरांव लेकर कई लोगों ने यहां से अपना किस्मत आजमाया. लेकिन उन्हे हर बार उन्हे निराशा ही हाथ लगी. ध्यान रहे कि 1977 से 1990 तक लगातार यहां से यमुना सिंह विधायक रहें, हालांकि उनकी इस लगातार जीत पर विराम 1995 में लग गया, जब रामचन्द्र सिंह ने यहां से अपना विजय पताका दिया.

चार बार के विधायक यमुना सिंह को पछाड़ कर रामचन्द्र सिंह ने की थी इंट्री

भाजपा की ओर से यमुना सिंह ने 1977,1980,1985,1990  में लगातार यहां जीत का परचम लहराया था, लेकिन इस बीच 1995 में भाजपा के इस गढ़ में रामचन्द्र सिंह की इंट्री होती है, वह राजद के टिकट पर यमुना सिंह को सत्ता के बेदखल करने में कामयाब होते हैं. हालांकि वर्ष 2000 में एक बार फिर से यमुना सिंह बाजी पलटने में सफल रहते हैं. लेकिन 2005 में एक बार फिर से रामचन्द्र सिंह इस किले को फतह करने में कामयाब होते हैं, और इस बार भी उनका चुनाव चिह्न लालटेन ही होता है. लेकिन 2009 में भाजपा यहां से पांच बार के विधायक रहे यमुना सिंह को बेटिकट कर हरिकृष्ण सिंह पर दांव लगाती है, और यह दांव कामयाब हो जाता है, हरिकृष्ण सिंह को वर्ष 2014 में भी कमल खिलाने का सौभाग्य प्राप्त होता है, लेकिन वर्ष 2019 में अचानक से रामचन्द्र सिंह लालटेन छोड़ पंजा की सवारी कर बैठते हैं. और एक बार फिर से जीत का परचम फहरा जाते हैं.

भाजपा हमेशा से खरवार जनजाति को उम्मीदवार बनाती रही है

यहां यह भी ध्यान रहे कि इस सीट पर मुख्य मुकाबला खरवार और चेरो जनजाति के प्रत्याशियों के बीच होता रहा है, भाजपा जहां खरवार जनजाति पर दांव लगाती रही है, वहीं कांग्रेस और राजद चेरो जनजाति पर अपना दांव लगाती रही है, यमुना सिंह इसी खरवार जनजाति से आते थें, वहीं रामचन्द्र सिंह चेरो जनजाति से आते हैं. जब भाजपा ने यमुना सिंह को बेटिकट किया था तब भी उसने खरवार जनजाति से आने वाले हरिकृष्ण सिंह पर ही दांव लगाया था.  इस बार भी रामचन्द्र सिंह के मुकाबले में भाजपा ने जिस रघुपाल सिंह को मैदान में उतारा था, वह खरवार जनजाति से आते हैं.

उरांव जनजाति को आज भी है अपनी इंट्री का इंतजार

इस प्रकार देखा जाये तो मनिका में मुख्य मुकाबला चेरो और खरवार जनजाति के  बीच ही होता रहा है. इस बारे में उरांव जनजाति का एक युवा बताता है कि दरअसल भाजपा के द्वारा खरवार जनजाति पर ही अब तक अपना दांव लगाने की मुख्य वजह यह है कि खरवार जनजाति का उरांवों की तुलना में धर्मांतरण काफी कम हुआ है, और यह भाजपा की सियासत के अनुरुप बैठता है, दूसरी बात यह है कि आज भी खरवार जनजाति की शिक्षा की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है, उनके बीच आज भी सामाजिक जागरुकता का अभाव है. और यही वजह है कि वह किसी भी नारे का शिकार हो जाते है, जबकि दूसरी ओर कांग्रेस जैसे ही किसी उरांव पर अपना दांव लगाती है, चेरो जनजाति का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ खड़ा हो जाता है, और यही कांग्रेस की मजबूरी बन जाती है, आखिरकार वह चेरों जनजाति के बीच से अपना उम्मीदवार चुनने को विवश हो जाता है, नहीं तो रामेश्वर उरांव जैसे उच्च शिक्षित राजनेता को हार का मुंह नहीं देखना पड़ता.

Published at:24 Nov 2023 04:07 PM (IST)
Tags:Manika Legislative AssemblyManika Legislative Assembly latest NewsManika Legislative Assembly breaking NewsHerangaj and Bariatu blocksChandwa blockLateharManikaBarwadih blockBalumath blockKharwar and Chero tribesOraons tribe Jharkhand politcsManika Legislative Assembly Jharkhand breaking yamuna singh ramchandra singhHarikrishna Singh
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.