TNPDESK- कैश फॉर क्वेश्चन मामले में लोकसभा से निष्कासित किये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने एक बयान जारी कर पलटवार किया है. एक प्रेस नोट जारी करते हुए मुहआ ने लिखा है कि "यह मामला लोकसभा संसदीय कमेटी को हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने का गवाह बना है. विडंबना है कि एथिक्स कमेटी जो सदस्यों के नैतिक मार्गदर्शन के लिए बनाई गई थी, आज उसे विपक्ष को बुलडोज करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया.
किसी भी कैश का कोई सबूत नहीं
महुआ आगे लिखती हैं कि "किसी भी कैश, किसी भी तोहफ़े का कोई सबूत कहीं नहीं हैं. निष्कासन की सिफ़ारिश सिर्फ़ इस बात पर आधारित है कि मैंने अपना लोकसभा पोर्टल लॉग इन साझा की. लॉग इन शेयर करने को लेकर कोई नियम नहीं हैं. एथिक्स कमेटी की सुनवाई में ये साफ़ हुआ कि हम सभी सांसद कनवेयर बेल्ट हैं, ताकि हम जनता, नागरिकों के सवालों को संसद में उठा सकें." फिर यह कार्रवाई क्यों? लोकसभा पोर्टल लॉगइन साझा करना किस नियम का उल्लघंन हुआ, कमसे कम निष्कासित करने के पहले तो इसकी जानकारी दे देनी चाहिए थी.
अडाणी प्रकरण से ध्यान नहीं हटाया की साजिश
"अगर मोदी सरकार ये सोच रही है कि मेरा मुंह बंद करके वो अदानी के मुद्दे से ध्यान हटा सकते हैं तो मुझे आपको ये बताना है कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को दिखा दिया है कि इस प्रक्रिया में जिस तरह से जल्दबाज़ी की गई, दुरुपयोग किया गया, वो ये दिखाता है कि मिस्टर अदानी आप लोगों के लिए कितना ज़रूरी हैं. और आप एक महिला सांसद को तंग करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं ताकि मुझे चुप कराया जा सके. कल सीबीआई को मेरे घर पर भेजा जाएगा. वो लोग अगले छह महीने तक मुझे प्रताड़ित करेंगे. लेकिन मुझे सवाल करना है कि मिस्टर अदानी के 13 हज़ार करोड़ रुपये के कोयला घोटाले का क्या होगा, जिस पर सीबीआई या ईडी गौर नहीं कर रहे?
मुसलमानों के खिलाफ आग उगलने वाले रमेश बिधूड़ी के खिलाफ भाजपा की चुप्पी
आप कहते हैं कि मैंने लॉगइन पोर्टल से राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है.लेकिन मिस्टर अदानी हमारे सभी बंदरगाह ख़रीद रहे हैं, हवाई अड्डे ख़रीद रहे हैं और उनके शेयरधारक विदेशी पेशेवर निवेशक हैं और गृह मंत्रालय उन्हें हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर ख़रीदने की इजाज़त दे रहा है." "भाजपा के 303 सांसद लोकसभा में हैं, लेकिन उनमें एक भी मुसलमान नहीं हैं. रमेश बिधूड़ी इसी संसद में खड़े होते हैं और 26 मुसलमान सांसदों में से एक दानिश अली को अपशब्द कहते हैं,फिर भी उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाती. आप अल्पसंख्यकों से नफ़रत करते हैं, आप महिलाओं से नफ़रत करते हैं. आप नारी शक्ति से घृणा करते हैं." "आप पॉवर और अथॉरिटी को संभालना नहीं जानते. मैं 49 साल की हूं और मैं अगले 30 साल सदन के भीतर और सदन के बाहर आप लोगों से लड़ती रहूंगी, मैं गटर में लड़ूंगी, मैं सड़कों पर लड़ूंगी. हम लोग आपका अंत देखेंगे. आपके पास पंजाब नहीं है, सिंध हमारे पास नहीं है, द्रविड़ आपका नहीं है, उत्कल आपका नहीं है, बंगाल आपका नहीं है. आप कहां से हम पर राज करेंगे, आपको ये शक्तिशाली बहुमत कहां से मिलेगा?" "एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का अधिकार नहीं है. आपने अर्ध न्यायिक अथॉरिटी के अधिकार लिए और मुझ पर कार्रवाई कर दी. आपने प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. ये आपके अंत की शुरुआत है. हम लौटेंगे और आपका अंत देखेंगे."