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LS POLL 2024 Koderma-एक तरफ “मौकापरस्ती का चेहरा” और दूसरी ओर “विचारधारा पर कुर्बानी” का इतिहास! विनोद सिंह की हुंकार “भाजपा के किले में” अब लाल झंडा का परचम

LS POLL 2024 Koderma-एक तरफ “मौकापरस्ती का चेहरा” और दूसरी ओर “विचारधारा पर कुर्बानी” का इतिहास! विनोद सिंह की हुंकार “भाजपा के किले में” अब लाल झंडा का परचम

Ranchi-विभिन्न सियासी दलों के द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान के साथ ही झारखंड की सियासी तस्वीर कुछ-कुछ साफ होती नजर आने लगी है. हालांकि अभी भी झामुमो और कांग्रेस के द्वारा कई लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों का एलान बाकी है, लेकिन इस बीच जैसे ही माले ने कोडरमा संसदीय सीट से झारखंड की सियासत का एक बड़ा चेहरा महेन्द्र सिंह के बेटे और बगोदर विधायक विनोद सिंह के नाम का एलान किया. विनोद सिंह जीत की हुंकार लगाते दिखे. टिकट की घोषणा के साथ ही अपनी पहली प्रतिक्रिया में विनोद सिंह ने वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी पर मौकापरस्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस बार कोडरमा में एक तरफ सत्ता के खातिर “मौकापरस्ती का चेहरा होगा” तो दूसरी ओर “विचारधारा के लिए कुर्बानी” का इतिहास. जल जंगल और जमीन के साथ ही आम जनता के हक-हकूक के लिए संघर्ष और कुर्बानी ही हमारी पहचान रही है. हम उन लोगों में शामिल नहीं है, जो हार की हताशा में विचारधारा से पाला बदलते है, सामाजिक न्याय से एक ही झटके में यू टर्न लेकर केसरीया रंग में रंगते हैं. क्योंकि एक तरफ हार हमें और भी संघर्ष की प्रेरणा देती है, तो दूसरी ओर जीत के साथ ही अपने आवाम से किया वादा को पूरा करने की जिम्मेवारी होती है. और यह चरित्र सिर्फ विनोद सिंह का नहीं है, हर माले कार्यकर्ता का यही चरित्र है, हमने यही सीखा है, और यही हमें सिखाया गया है.

क्या जयप्रकाश वर्मा का साथ मिलेगा? 

इस सवाल के जवाब में कि क्या इस मुकाबले में जयप्रकाश वर्मा का साथ मिलेगा, क्योंकि वह भी टिकट की रेस में थें, विनोद सिंह ने कहा कि इसका फैसला इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं के बीच हुआ. जहां तक जमीन संधर्ष की बात है. जयप्रकाश वर्मा ही क्यों इंडिया गठबंधन के तमाम कार्यकर्ता एक साथ खड़े हैं. कहीं कोई नाराजगी और असंतोष नहीं है, हम पूरी ताकत के साथ इस अखाड़े में उतरेंगे और कोडरमा की मूलभूत समस्यायों को सामने रखेंगे. आखिर क्या कारण है कि लगातार भाजपा का सांसद और विधायक होने के बावजूद कोडरमा उसका मुकाम नहीं मिला, आज भी कोडरमा में ना तो कोई बड़ा इंडस्ट्री है और ना ही रोजगार के दूसरे साधन. हमारी लड़ाई कोडरमा की मूलभूत समस्याओं का समाधान की होगी. 

भाजपा के किले में लाल झंडा की चुनौती

याद रहे कि इस बार भी भाजपा ने वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी को ही एक बार फिर से मैदान में उतारा है, अन्नपूर्णा पहले राजद में थी और उनकी गिनती राजद सुप्रीमो लालू यादव के सबसे भरोसेमंद चेहरे में की जाती थी. वर्ष 2000, 2005 और 2009 में लगातार कोडरमा में लालेटन का परचम फहराती रही. लेकिन 2014 में नीरा यादव के हाथों मात खाने के बाद लालटेन को छोड़कर कमल की सवारी का फैसला किया, जिसके बाद भाजपा ने वर्ष 2019 में तात्कालीन झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ कोडरमा लोकसभा से उतारने का एलान कर दिया. बाबूलाल को करीबन चार लाख मतों से पटकनी देती ही अन्नपूर्णा के लिए दिल्ली में मंत्री बनने का रास्ता खुल गया. अब वही अन्नपूर्णा इस बार सियासी अखाड़े में है और उनके सामने है झारखंड की सियासत का एक बड़ा चेहरा और माले नेता महेन्द्र सिंह के बेटे विनोद सिंह. पिता महेन्द्र सिंह की हत्या के बाद विनोद सिंह वर्ष 2005, 2009 और 2019 मंा बागोदर से माले का झंडा बुलंद कर चुके हैं. विनोद सिंह भी कोडरमा की सियासत में एक बड़ा चेहरा है. इस हालत में देखना होगा कि इस जंग में बाजी किसके हाथ लगती है.

कोडरमा में कमल खिलाने का श्रेय आरएलपी वर्मा को

यहां यह भी बता दें कि कोडरमा में पहली बार कमल खिलाने का श्रेय आरएलपी वर्मा को जाता है, जब उन्होने वर्ष 1989 में इस सीट से भाजपा का परचम फहराया था, हालांकि वर्ष 1991 में जनता दल के मुमताज अंसारी ने एक बार फिर से बाजी पलट दी थी. लेकिन 1996 में आरएलपी वर्मा ने एक बार फिर से भाजपा का झंडा बुंलद कर दिया और इसके साथ ही1998 में भी इस जीत को बरकरार रखा. लेकिन 1999 में तिलकधारी सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस की इंट्री करवा दी. वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बाबूलाल की इंट्री होती है और वह एक बार फिर से भाजपा का झंडा फहराने में कामयाब रहते हैं. लेकिन 2006 के चुनाव में भाजपा को झटका लगा, यह सीट तो बाबूलाल के नाम ही रही. लेकिन तब तक वह भाजपा छोड़ चुके थें, बाबूलाल ने यही करिश्मा 2009 के लोकसभा चुनाव में दिखलाया. लेकिन 2014 में भाजपा के रवीन्द्र कुमार राय ने बाबूलाल को सियासी पटकनी दे दी और एक बार फिर से यह सीट भाजपा के पास चली गयी.

सामाजिक सियासी समीकरण

यदि हम बात वर्तमान सामाजिक समीकरण की करें तो कोडरमा संसदीय सीट में कुल छह विधान सभा आता है, इसमें अभी कोडरमा से भाजपा की नीरा यादव, बरकट्टा से निर्दलीय अमित कुमार यादव, धनवार से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, बगोदर से खुद विनोद सिंह, जमुआ सुरक्षित से भाजपा के केदार हाजरा और गांडेय से कांग्रेस सरफराज आलम थें, जो अब राज्य सभा पहुंच चुके हैं, और इसके साथ ही गांडेय विधान सभा के लिए उपचुनाव की घोषणा भी हो चुकी है. इस प्रकार छह में तीन पर भाजपा का कमल और एक निर्दलीय विधायक अमित यादव का समर्थन है तो दूसरी ओर सीपाईएम एल और झामुमो का एक-एक विधायक है. यदि सामाजिक समीकरण की बात करें तो इस संसदीय सीट पर यादव -2.60 लाख, मुस्लिम-2 लाख, बाभन- 2 लाख, कोयरी कुर्मी- 2.20 लाख, आदिवासी-1.50 लाख, दलित-2 लाख, वैश्य-1.50 हैं. यानि इंडिया गठबंधन की जीत का पूरा दामोदार मुस्लिम, कोयरी और कुड़मी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं की एकजूटता पर होगी, तो दूसरी ओर भाजपा कोशिश यादव मतों के साथ ही दूसरी पिछड़ी जातियों में इंडिया गठबंधन की सेंधमारी को नाकाम बनाने की होगी. इंडिया गठबंधन की सफलता और असफलता इस बात पर भी निर्भर करेगा कि जयप्रकाश वर्मा जो टिकट की चाहत में कमल की सवारी छोड़ झामुमो के साथ गये थें, उनकी भूमिका क्या होती है और क्या कोयरी-कुर्मी मतदाता जयप्रकाश वर्मा के साथ इंडिया गठबंधन के साथ आता है

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Published at:30 Mar 2024 05:55 PM (IST)
Tags:भाजपा के किले में अब लाल झंडा का परचमLS POLL 2024koderma lok sabha seatkoderma loksabha seatkodarma loksabha seatloksabha electionkoderma loksabhakodermakoderma lok sabha newsgodda loksabha seatkoderma lok sabha chunavkoderma newskoderma loksabha election Newकोडरमा में कमल खिलाने का श्रेय आरएलपी वर्मा कोविनोद कुमार सिंहjharkhand newslatest newsvinod singhvinod kumar singhindia koderma loksabha seatkoderma loksabha candidatesमाले mla vinod singh ने कहाkodarmaannapurna devi koderma lok sabhaannapurna devi-vinod singh contestkoderma parliamentry constituencyPolitical clash between Vinod Singh and Annapurna Devi from Kodermaकोडरमा संसदीय सीटइंडिया गठबंधन
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