TNPDESK-कांग्रेस ने आज अपनी दूसरी सूची जारी कर दी. छह राज्यों के 43 प्रत्याशियों की सूची में इस बार भी सामाजिक न्याय की झलक देखी जा सकती है. 43 प्रत्याशी में से ओबीसी-13, एसी-10,एसटी-9 और एक अल्पसंख्यक समाज का है. जबकि पहली सूची में 39 में से 24 प्रत्याशी ओबीसी, अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समाज के थें. इस प्रकार अब तक घोषित 82 प्रत्याशियों में से 57 प्रत्याशी दलित, पिछड़ा, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज का है. यानि कुल 69 फीसदी प्रत्याशी वंचित समाज से है.
युवा चेहरे पर विशेष फोकस
जबकि इसके साथ ही युवा वर्ग भी फोकस किया गया है, सूची में 50 साल से कम उम्र के उम्मीदवार करीबन 31 फीसदी है. इस सूची के बाद साफ है कि कांग्रेस का पूरा फोकस राहुल गांधी के उस नारे पर हैं. जिसमें “जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी” की बात कही गयी है, इसके साथ ही सरकार बनते ही जातीय जनगणना का एलान किया गया है. इस बार कांग्रेस की कोशिश अधिक से अधिक नये चेहरों को भी सामने लाने की है. हालांकि इस सूची में झारखंड के प्रत्याशियों का एलान नहीं किया गया है. लेकिन जिस राह पर कांग्रेस बढ़ती दिख रही है. उस हालत में कि सामाजिक न्याय की झलक झारखंड की सूची में भी देखने को मिल सकती है. और यदि ऐसा होता है तो कई ऐसे सियासी सूरमें जो टिकट की चाहत में रांची से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं. अंतोतगत्वा निराशा हाथ लग सकती है.
ध्यान रहे कि सियासी गलियारों में कई ऐसे चेहरों की चर्चा जोरों पर है, जिनकी सियासी कुब्बत दफन हुए एक अरसा हो गया, ना तो जमीन पर पकड़ है और ना ही सामाजिक समीकरण पक्ष में है, बावजूद इसके दिल्ली की दौड़ जारी है, अब देखना होगा कि आखिरकार इन सूरमाओं की कोशिश क्या रंग लाती है? फिलहाल तो यह सूची से उन्हे कोई सकरात्मक संदेश नहीं दे रही.
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