रांची(RANCHI): भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर झामुमो विधायक लोबिन ने हेमंत सरकार के खिलाफ शंखनाद कर दिया है. बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने इस मौके पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए लोगों को ठगने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में भी पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों की तरह ही आदिवासी-मूलवासियों की जमीनें लूटी जा रही है. जिस सपनों को सामने रख कर झारखंड का गठन किया गया था, आज यहां हर काम उसके विपरीत होता नजर आ रहा है, चारों तरह अधिकारी और भूमाफियों की लूट मची है. झारखंड गठन के बाद से ही यहां के आदिवासी मूलवासियों की जमीनों की लूट मची हुई है, लेकिन इस पर रोक लगाने के बजाय हेमंत सरकार उनके साथ ही खड़ी नजर आती है.
जमीन की लूट मची है, अब तो खतियानी रैयत बनते जा रहे हैं भूमिहीन
लोबिन ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी भगवान बिरसा के संघर्षों का नतीजा था, बिरसा के उलगुलान के बाद ही अंग्रेज सरकार इस अधिनियम को लाने को बाध्य हुई थी, 1908 में अंग्रेज सरकार के द्वारा लागू इस अधिनियम में हर सरकार संशोधन कर आदिवासी-मूलवासियों की जमीनों को लूट का रास्ता साफ करती रही. आज हालत यह है कि खतियानी रैयत ही भूमिहीन बनते जा रहे हैं. कभी स्कूल, कभी कॉलेज तो कभी खदान के नाम पर उनकी जमीनों को छिनी जी रही है. उनकी जमीनों पर बड़े-बड़े मॉलों और होटलों का निर्माण किया जा रहा है. और वह इन होटलों में जूठन पोछने का काम कर रहे हैं. और यह सब कुछ होता देखकर भी हम कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं.
शहादत दिवस पर उनके गांव में नेताओं की भीड़ से नहीं बदलेगी झारखंड की बदहाली
लोबिन ने कहा कि हर वर्ष भगवान बिरसा के शहादत दिवस के अवसर पर नेताओं की भीड़ उनके गांव में जुटती है, बड़े बड़े वादे किये जाते हैं, हसीन सपनें दिखाये जाते हैं, उनका तस्वीर बदलने का वादा किया जाता है, लेकिन फिर दूसरे साथ सब कुछ वही नजर आता है, आज भी उनके पूर्वज बदहाली में जीने को मजबूर है, तंगहाली के शिकार है. और यह कहानी सिर्फ भगवान बिरसा के पूर्वजों की नहीं है, चांद भैरव से लेकर झारखंड के हर शहीद के वंशजों का हाल यही है.