रांची (TNP Desk) : बोरियो से विधायक लोबिन हेंब्रम अपनी ही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा झटका देने वाले हैं. वे विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी का गठन कर सकते हैं. अगर उन्होंने पार्टी का गठन कर लिया तो झामुमो में दो फाड़ होने से कोई नहीं रोक सकता है. दरअसल, लोबिन हेंब्रम काफी समय से झामुमो से नाराज चल रहे हैं. चंपाई सरकार से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ उन्होंने सार्वजनिक रूप से खिलाफत की थी. कई बार सीएनटी, एसपीटी, पेसा कानून, स्थानीयता को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा है. विधानसभा सत्र के दौरान भी कई बार परिसर में धरना पर भी बैठें हैं. ऐसे में अगर इन्होंने पार्टी का गठन कर लिया तो झामुमो में दो फाड़ हो जाएगा. जो पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
मोर्चा को राजनीतिक दल बनाने की कोशिश
बता दें कि बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम झारखंड बचाओ मोर्चा के संरक्षक हैं. अब इस मोर्चा को राजनीतिक दल बनाने की कोशिश में जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि निबंधन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग में आवेदन किया जाएगा. माना जा रहा है कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब झारखंड बचाओ मोर्चा का राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण हो जाएगा तब लोबिन हेंब्रम झामुमो को छोड़ देंगे.
झामुमो छोड़ेंगे लोबिन हेंब्रम!
बोरियो विधायक से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह झारखंड बचाओ मोर्चा से संरक्षक के रूप में जुड़े हैं. वह झामुमो को नहीं छोड़ेंगे. वहीं लोबिन के तेवर को देखते हुए झामुमो ने हेमलाल मुर्मू की दल में वापसी कराई. बोरियो विधायक ने पहले पूरे राज्य में दौरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें कोई खास समर्थन नहीं मिला. बता दें कि हाल ही में जब चंपाई सरकार को राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा था तब लोबिन ने विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान सदन में पांच फरवरी को सत्तारूढ़ पार्टी का साथ दिया था. इससे पहले सत्तारूढ़ पार्टियों ने अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया था. उस समय करीब 40 विधायक के साथ लोबिन हेंब्रम हैदराबाद नहीं गए थे. उस समय कयास लगाया जा रहा था कि फ्लोर टेस्ट में सरकार के समर्थन में बोरियो विधायक वोट नहीं करेंगे. हालांकि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के हस्तक्षेप के बाद सरकार को समर्थन दिया था.
झारखंड में कब है विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव के करीब छह महीने बाद यानि नवंबर में झारखंड में विधानसभा चुनाव होना है. राज्य के विभिन्न पार्टियां अभी से लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. ऐसे में अगर लोबिन हेंब्रम अपनी पार्टी का एलान कर देते हैं तो झामुमो के लिए बड़ा झटका होगा. झामुमो के कई नेता लोबिन के पार्टी का दामन थाम सकते हैं.