Ranchi-लोकतांत्रिक पद्धति और सर्वानुमति से स्वस्थ्य भारत के निर्माण का गुर सीखने झारखंड से जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, मुम्बई गयी झारखंड के विधायकों की टोली में शामिल शिल्पी नेहा तिर्की ने कार्यक्रम के दूसरे दिन अनुभवों को साक्षा करते हुए बताया है कि वक्ताओं का मुख्य जोर पक्ष विपक्ष से उपर उठ कर जनाकांक्षाओं पर खऱा उतरने का था. वक्ताओं ने कहा कि आप भले ही सरकार में हो, लेकिन यदि विपक्ष की ओर से कोई अच्छा और सकारात्मक सुझाव आता हो तो उसे बेहिचक नीतियों का हिस्सा बनायें. किसी भी सरकार का ओपन माइंड और ओपन हार्ट रहना बेहद जरुरी है. यदि सिर्फ सेमिनार और सम्मेलनों में बड़ी-बड़ी बातें की जाय और सरजमीन पर उसे उतराने के प्रयास नहीं किये जायें, तो यह महज समय की बर्बादी होगी, हमें अपनी कथनी और करनी को एक करना होगा.
जातिवाद और साम्प्रदायिका से दूर रहना का सबक
शिल्पा नेहा तिर्की ने अपने अनुभवों को साक्षा करते हुए कहा कि सम्मेलन का मुख्य जोर जातिवाद और साम्प्रदायिका से दूर रह कर लोकतांत्रिक भारत के निर्माण पर था, एक ऐसा भारत जहां धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्रीयता और रंग के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो. वक्ताओं ने बताया कि विधायक भी सामान्य मानव होते हैं, उनकी भी अपनी कमजोरियां होती है, लोगों के बीच रहते रहते और उनकी समस्याओं को सुनते-सुनते उनका भी मेंटल ब्लॉकेज हो जाता है, हमें इस मेंटल ब्लॉकेज का तोड़ खोजना होगा. एक सीमा के बाद जन समस्याओं का समाधान खोज पाने में वे असहज महसूस करने लगते हैं, प्रशासनिक और गुड गवर्नेंस की कला को विकसित करने के लिए उन्हे सतत शिक्षण प्रशिक्षण की जरुरत होती है. इस हालत में जनप्रतिनिधियों को शिक्षण-प्रशिक्षण बेहद जरुरी है, ताकि आम लोगों तक सरकार की पहुंच हो सके.
झारखंड से भी गयी है विधायकों की टीम
यहां याद रहे कि इस सम्मेलन में देश भर से करीबन 800 विधायक पहुंच हैं, जबकि सीपी सिंह, डॉ सरफराज अहमद, निरल पूर्ति, भानु प्रताप शाही, विनोद सिंह, नवीन जायसवाल, डॉ लंबोदर महतो, दीपिका पांडेय सिंह, किशुन दास, जयमंगल सिंह, उमाशंकर अकेला, कुशवाहा शशिभूषण मेहता, इरफान अंसारी, राज सिन्हा, पूर्णिमा सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, समरी लाल, रामचंद्र सिंह इस कार्यक्रम में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.