पटना(PATNA)-फिलहाल लालू यादव को 17 अक्टूबर तक की राहत मिल गयी है. सीबीआई की याचिका पर अब 17 अक्टूबर को सुनवाई होगी, जिसके बाद ही यह फैसला होगा कि लालू एक बार फिर से कैदखाने का सफर करेंगे या मोदी को फिट करने के मुहिम पर डटे रहेंगे. आज की प्रारम्भिक बहस में सीबीआई की ओर से झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा लालू यादव को दिये गये बेल को चुनौती दी गयी, जबकि लालू यादव की ओर अपने गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत जारी रखने की गुहार लगाई गयी. लालू यादव की ओर से पक्ष रखते हुए उनके वकीलों ने इस बात को दुहराया कि अभी हाल ही में लालू यादव की किड़नी का प्रत्यारोपण हुआ है, और उन्हे खान पान के लेकर कई सतर्कता बरतनी पड़ती है.
सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण
इस बीच आम रुप से न्यायिक मामलों में चुप्पी साधे रहने वाले सीएम नीतीश ने सीबीआई की इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण कृत्य करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह कोई मामला नहीं है, सीबीआई जानबूझ कर लालू यादव को परेशान करने पर तूली हुई है. राजद की ओर से भी सर्वोच्च अदालत पर विश्वास जताते हुए है इस बात का दावा किया गया है कि लालू यादव बाहर रहकर विपक्षी दलों को एकजूट करते हुए जीत का मंत्र देते रहेंगे. जबकि तेजस्वी यादव ने कहा कि जब तक 2024 का चुनाव संपन्न नहीं हो जाता, इस प्रकार की कार्रवाईयां चलती रहेगी. सीबीआई और ईडी का खौफ दिखलाने की कोशिश की जाती रहेगी, लेकिन हम डरेंगे और ना झुकेंगे, कोर्ट में अपनी बात ऱखेंगे और जीतेंगे.
खराब स्वास्थ्य के बावजूद लालू दिखलाते रहें है अपना दम
यहां याद दिला दें कि 30 अप्रैल 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव को जमानत प्रदान किया था, कोर्ट ने कहा था कि लालू अपनी सजा का आधा हिस्सा काट चुके हैं. इस बीच लालू यादव का किड़नी का प्रत्यारोपण हुआ, और धीरे-धीरे उनके स्वास्थ्य में सुधार आने लगा. इसके साथ ही उनकी राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हुई. हाल के दिनों में लाल यादव विपक्षी दलों को जीत का मंत्र देते नजर आ रहे हैं, शरद पवार से लेकर ममता बनर्जी, अखिलेश से लेकर केजरीवाल तक सभी लालू के मुरीद हैं. लेकिन लालू की यह बढ़ती राजनीतिक सक्रियता भाजपा को हजम नहीं हो रही है और वह लगातार लालू के खिलाफ हमलावर है, उसका दावा है कि लालू यादव को जमानत खराब स्वास्थ्य के आधार पर प्रदान की गयी है, लेकिन लालू यादव राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं. अब देखना होगा कि आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या आता है, लालू यादव जीत का यह मंत्र बांटते रहेंगे या एक बार फिर से उन्हे कैदखाना भेजा जाता है.