Ranchi-21 अप्रैल को होने वाली उलगुलान रैली को लेकर तैयारियां तेज हो गई है, कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में शामिल होने पहली बार जेएमएम कार्यालय पहुंची कल्पना सोरेन ने कहा है कि यह कोई सामान्य रैली नहीं होकर, उलगुलान की शुरुआत है. इसके बाद झारखंड की पूरी सियासी तस्वीर बदलती नजर आयेगी. कोने-कोने तक यह सवाल जायेगा कि आखिर हेमंत सोरेन किस गुनाह की सजा भुगत रहे हैं, किस जुर्म में उन्हे सीखचों में कैद कर रखा गया है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी सीएम को इस तरह सिर्फ सियासी बदले की कार्रवाई में कालकोठरी में बंद कर रखा गया है. हेमंत के बाद अरविंद केजरीवाल के साथ भी यही कहानी दुहरायी गयी.
कार्यकर्ताओं से भीड़ का रिकार्ड तोड़ने का आह्वान
यहां ध्यान रहे कि सीएम हेमंत की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन आज पहली बार झामुमो कार्यालय पहुंची थी, जहां उनके द्वारा कार्यकर्तांओं को संबोधित किया गया, उलगुलान रैली को सफल बनाने का आह्रवान किया गया, कल्पना के इस संबोधन और तेवर के बाद झामुमो के अंदर नेतृत्व का सवाल भी काफी हद तक सुलझता नजर आने लगा है, जिस अधिकार के साथ जेएमएम के दूसरे नेताओं की मौजूदगी में कल्पना सोरेन ने कमान संभाली, उसके बाद इस बात में कोई संशय नहीं रहा कि हेमंत की गैरमौजूदगी में पार्टी की पूरी कमान अब कल्पना के हाथ में है. यहां यह भी बता दें कि झामुमो की ओर 21 अप्रैल को रांची के तारा प्रभात रैली में उलगुलान रैली का आयोजन किया गया है. दावा किय जा रहा है कि इस रैली में इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं की मौजदूगी रहेगी. लालू यादव से लेकर तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी के साथ ही राहुल गांधी की मौजूदगी रहेगी. लोकसभा चुनाव के पहले झारखंड में इंडिया गठबंधन की रैली को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो चुकी है. माना जाता है कि इस रैली के जरिये इंडिया गठबंधन की रणनीति लोकसभा चुनाव के पहले अपना शक्ति प्रर्दशन करने की है.ताकि झारखंड की सियासत में हेमंत की गिरफ्तारी को एक सियासी मुद्दा बनाया जा सके.
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