रांची (TNP Desk) : जेएसएससी पेपर लीक कांड झारखंड का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. इसकी चर्चा राज्य से लेकर केंद्र तक होने लगी है. जेएसएससी पेपर लीक होने के बाद राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है. नेताओं का कहना है कि झारखंड के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. जो भी दोषी है उसपर कार्रवाई कर सख्त से सख्त सजा दी जाए.
रांची, पटना और चेन्नई में एसआईटी की छापेमारी
इस बीच एसआईटी ने रांची, पटना और चेन्नई में कई जगहों पर छापेमारी की. एसआईटी की टीम ने छापेमारी के दौरान 11 लोगों को हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ चल रही है. मिली जानकारी के अनुसार हिरासत में लिये गये लोगों ने ही प्रश्न पत्र को वायरल किया है. हालांकि इनमें से कई अप्रत्यक्ष रूप से इस गिरोह से जुड़े बताये जाते हैं.
जेएसएससी पेपर लीक का अपराधी कौन? पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने दिया बड़ा अपडेट
एसआईटी की कार्रवाई में हिरासत में लिए गए 11 लोगों के बाद झामुमो के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने इशारों-इशारो में बहुत कुछ कह दिया है. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा, बीजेपी के आरोपों को जल्द ही करारा जवाब मिलेगा. पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सोशल मीडिया एक्स पर लिख बड़ा संकेत दिया है. उन्होंने लिखा कि जेएसएससी पेपर लीक मामले का जल्द पर्दाफाश होगा. इसमें संलिप्त कोई भी व्यक्ति, प्रत्यक्ष रूप से हो या पर्दे के पीछे से, नहीं बचेगा. सजा भी ऐसी कठोर और त्वरित मिलेगी की भविष्य में पेपर लीक के सपने भी नहीं आयेंगे. युवाओं को दिखेगा कि अपराधी कौन लोग हैं और कहां से ऑपरेट कर रहे हैं.
बीजेपी के आरोपों को मिलेगा करारा जवाब
वहीं झामुमो ने एक्स पर लिखा कि जेएसएससी पेपर लीक मामले में कोई अपराधी नहीं बचेगा और बीजेपी के बेसिर पैर के आरोपों को भी करारा जवाब मिलेगा. बता दें कि इस मामले पर आईजी के आवास कार्यालय में जेएसएससी के कनीय पदाधिकारियों से भी पूछताछ की गयी थी. इस मामले में जेएसएससी की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी, उपसचिव संजय कुमार साह, अवर सचिव हरेंद्र किशोर राम और प्रधान आप्त सचिव संतोष कुमार ने मुख्य सचिव को पत्र भेज एसआईटी के पुलिस अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
28 जनवरी को हुआ था पेपर लीक
गौरतलब है कि जेएसएससी सीजीएल प्रश्नपत्र लीक मामले में संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी ने नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें कहा गया था कि 28 जनवरी को तृतीय पाली में सामान्य ज्ञान की परीक्षा थी. इस दिन दोपहर में ईमेल के जरिये समान्य ज्ञान परीक्षा के उत्तर विकल्प के चार पेज में भेजे गये थे. मिलान करने पर प्रश्नपत्र लीक होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद परीक्षा की अगली तिथि चार फरवरी तय की गयी थी. वहीं मामला तूल पकड़ने के बाद परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया था. इस बीच अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया और सीबीआई जांच की मांग.
हेमंत सोरेन और विनोद सिंह से ईडी कर रही है पूछताछ
पेपर लीक के बाद पक्ष-विपक्ष के नेता भी कूद पड़े और आरोप-प्रत्योराप का दौर चला. बाद में इस पेपर की जांच ईडी के जिम्मे आया. जब ईडी ने जांच करना शुरू की तो बड़ा मामला सामने आया. ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में हेमंत सोरेन के करीबी विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट सौंपा. करीब 539 पेज का चैट ईडी के पास है. वहीं विनोद सिंह के ठिकानों से अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मिले. इस मामले पर ईडी हेमंत सोरेन और विनोद सिंह से पूछताछ कर रही है. ऐसा लगता है पेपर लीक में ईडी जल्द ही बड़ा खुलासा करेगी.