रांची (TNP Desk) : झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो रहा है. इसको लेकर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने अपने विधानसभा कार्यालय में विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी, उपायुक्त और रांची एसएसपी समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य सदस्यों के प्रश्न के जवाब सही समय पर मिले इसका निर्धारण करना था. साथ ही सदन की विधि व्यवस्था को लेकर कई निर्णय लिए गए, ताकि सत्र के दौरान किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो सके.
22 फरवरी को सत्तारूढ़ दलों की होगी बैठक
बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से आहूत की गई है जो 2 मार्च तक चलेगा. बजट सत्र को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंजूरी भी दे दी है. इधर, बजट सत्र को लेकर 22 फरवरी को सत्ता पक्ष के सभी विधायकों की बैठक बुलाई गई है. कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर शाम 4 बजे बैठक होगी. जिसमें विधायकों के लिए व्हिप भी जारी होगी. चंपाई सरकार 27 फरवरी को वर्ष 2024-25 का बजट सदन में पेश करेगी.
झामुमो कार्य समिति की 11 बजे होगी बैठक
वहीं 22 फरवरी को ही गठबंधन दलों की बैठक से पहले झामुमो कार्य समिति की बैठक सुबह 11ः00 बजे बुलाई गई है, जिसमें पार्टी के सभी विधायक और सांसद शामिल होंगे. यह बैठक भी कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में ही होगी. इसके बाद उसी दिन शाम को बैठक में सभी विधायक शामिल होंगे.
नाराज चल रहे हैं कांग्रेस विधायक
गौरतलब है कि चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल में कांग्रेस की ओर से नए चेहरों को शामिल नहीं किये जाने से करीब 12 विधायक नाराज चल रहे हैं. ऐसे में सत्तारूढ़ दलों की बैठक में ये विधायक शामिल होंगे या नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है. क्योंकि आठ विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और वे आलाकमना से मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अगर कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक बैठक में नहीं शामिल हुए तो क्या होगा? यहां हम आपको बता दे रहें कि बैठक तो होगी, बजट सत्र भी 23 फरवरी से शुरू हो जाएगा. लेकिन जिस दिन यानि 27 फरवरी को बजट पेश होगा उसी दौरान पेंच फंस जायेगा. दरअसल बजट पेश होने से पहले वोटिंग होती है. वोटिंग में सत्ता पक्ष के विधायक ही अगर वोट नहीं किये तो बजट पेश नहीं होगा. ऐसे में सरकार भी अल्पमत में आ जायेगी और विपक्ष के निशाने पर सरकार आ जायेगी. जिससे सरकार की बहुत किरकिरी होगी. हालांकि सरकार कभी नहीं चाहेगी कि हमारी किरकिरी हो. इसलिए सभी नाराज विधायकों को मनाने में वरीय नेता जुट गए हैं.