Patna-जब से केन्द्र सरकार के द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के नारे को उछाला गया है, हर दिन विपक्ष के द्वारा उस पर एक नया पलटवार सामने आ रहा है. कल उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन के बदले वन नेशन वन इनकम का सवाल उछाला था, उनका कहना था कि जबसे केन्द्र में भाजपा की सरकार आयी है, आम लोगों की नून रोटी पर भी आफत आ गया है, दिन प्रति दिन लोगों की आय सिमटती जा रही है, छात्र नौजवान बेरोजगार बैठे हैं, प्रधानमंत्री मोदी का प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां का दावा जुमला साबित हो चुका है, लेकिन मजे की बात यह है कि आम लोगों की इस भयंकर गरीबी के बीच प्रधानमंत्री के चुनिंदा दोस्तों की आय में हजार गुना की वृद्धि हो रही है, कल तक जो व्यक्ति दुनिया में अमीर लोगों की सूचि में हजारवां नम्बर पर भी नहीं खड़ा था, भाजपा का सरकार बनते ही वह दुनिया का दूसरा अमीर बन गया. अब इस बात तो छुपाने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन का नारा उछाला जा रहा है, जबकि बात वन नेशन वन इनकम की होनी चाहिए थी, ताकि लोगों को दो जुन की रोटी मिल जाती, उनके हिस्से में भी कुछ खुशहाली आती. उनके चेहरे पर मुस्कान आता.
इलेक्शन के आगे भाजपा को कुछ दिखलाई नहीं देती
अब उस पर जदयू की ओर से भी पलटवार सामने आ गया है, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने वन नेशन वन इलक्शेन के बदले वन नेशन वन एजुकेशन का सवाला उछाला है, नीरज कुमार ने कहा है कि इलेक्शन के आगे भाजपा को कुछ दिखलाई नहीं देती, उसे आम लोगों की गरीबी अशिक्षा और भूखमरी से कुछ लेना देना नहीं है, जिस निजीकरण की राह पर भाजपा चल पड़ी है, उस हालत में आज गरीब वर्ग के लिए अपने बच्चों की पढ़ाई करवाना एक जंग लगने के समान हो गया है, पीएम मोदी को वन नेशन वन इलेक्शन से आगे बढ़कर वन नेशन वन एजुकेशन की बात करनी चाहिए, ना कि सिर्फ चुनाव का ढिंढोरा पिटने का काम.