रांची(RANCHI)- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का को देश की सर्वोच्च अदालत से नियमित जमानत मिलने के बाद आज एनोस एक्का को बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार से मुक्त कर दिया गया. जेल से बाहर निकलते ही एनोस एक्का ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण करते हुए जनता के अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प दुहराया.
अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प
उन्होंने कहा कि लंबे अर्से के बाद जेल के बाहर निकला हूं, अब एक बार फिर से जनता के बीच जाने का मौका मिलेगा, अब हमारी कोशिश जनता के उन कार्यों को पूरा करने की होगी, जिसका हमने वादा किया था, लेकिन जेल जाने के बाद वह सारे सपने अधूरे रह गये थें, अब जनसमुदाय के उन कार्यों को पूरा करना ही हमारी प्राथमिकता होगी.
हिरासत की अवधि के आधार पर मिली जमानत
मालूम हो कि एनोस एक्का को अभी सात वर्ष की सजा पूरी नहीं हुई थी, लेकिन हिरासत की अवधि को मिलाकर पर सात वर्ष जेल में गुजार चुके थें, इसी आधार पर उनके द्वारा पहले झारखंड हाईकोर्ट में नियमित जमानत की याचिका दाखिल की गयी थी, लेकिन एनोस एक्का को झारखंड हाईकोर्ट से निराशा मिली और उनकी याचिका का खारिज कर दिया गया, जिसके बाद उनके द्वारा सर्वोच्च अदालत में नियमित जमानत की गुहार लगायी गयी, जहां से उन्हे जमानत मिल गयी.
20 करोड़ 31 लाख 77 हजार 852 रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग में मिली थी सजा
यहां बता दें कि 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार 852 रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी एनोस एक्का को दोषी करार दिया गया था, इसके पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक मामले में 26 फरवरी 2020 को सात वर्ष की सश्रम कारवास की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर वर्ष 2014 में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में भी उम्र कैद की सजा सुनाई गयी थी. एनोस एक्का वर्ष 2005, 2009 और 2014 में कोलेबिरा विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं, इसके साथ ही वह वर्ष 2005 और 2008 के बीच मधु कोड़ा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.