रांची(RANCHI)- डुमरी उपचुनाव के ठीक पहले एक कद्दावर कुर्मी नेता ने आजसू का हाथ झटक कर झामुमो में शामिल होने के संकेत दिये हैं. करीबन बीस बर्षों से आजसू के केन्द्रीय सचिव के रुप में कार्यरत कार्तिक महतो ने हेमंत सोरेन को लीडर और सुदेश महतो को डीलर बताया है, उन्होंने इस बात का दावा किया है कि बतौर उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने महतो समुदाय के लिए कोई काम नहीं किया, सिर्फ और सिर्फ डील करने में व्यस्त रहें. पंचायती राज्य मंत्री के रुप में लिये गये उनके फैसले के कारण ही आज पंचायत की राजनीति से पिछड़ों का सफाया हो गया, पिछड़ों की भागीदारी सिमट गयी, हालत यह है कि एक आजसू जिलाध्यक्ष के द्वारा झारखंड में जातीय संघर्ष की बात कही जा रही है, इसकी जानकारी आजसू सुप्रीमो को दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम यहां मणिपुर जैसा हालात पैदा करना नहीं चाहते, इसलिए हमने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया.
माना जा रहा है कि कार्तिक महतो का अगला ठिकाना झामुमो होने वाला है, इसे डुमरी विधान सभा उपचुनाव से भी जोड़ कर देखने की कोशिश की जा रही है. यहां याद रहे कि डुमरी विधान सभा में कुर्मी-महतो मतदाताओं की बड़ी संख्या है, यही कारण है कि दोनों ही गठबंधनों की ओर से महतो जाति के उम्मीदवार को ही मैदान में उतारा गया है, झामुमो ने जहां पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को तो आजसू ने दिवगंत नेता दामोदर महतो की पत्नी यशोदा देवी को उम्मीदवार बनाया है. सुदेश महतो की दावेदारी इस महतो मतदाताओं पर रही है, लेकिन डुमरी विधान सभा चुनाव के पहले एक मजबूत महतो नेता का पार्टी छोड़ने का फैसला आजसू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.