Ranchi- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बतौर बाबूलाल मरांडी की ताजपोशी के बाद झामुमो ने बाबूलाल को उनके पुराने बयानों की याद दिलाई थी, भाजपा को सावधान करते हुए उसे अपने प्रदेश कार्यालय की ताड़ से घेराबंदी करने की सलाह दी थी. झामुमो ने कहा था कि पता नहीं कब बाबूलाल को कुतुबमीनार से कूदने का ख्याल मन में आ जाये और वह लम्बी छलांग लगा जायें, भाजपा को बाबूलाल की सेहत का ख्याल रखना चाहिए, और यदि जरुरी हो तो भाजपा कार्यालय से दूर मोरहाबादी मैदान में एक कुतुबमीनार का निर्माण कर देना चाहिए, ताकि कुतुबमीनार से कूदने का ख्याल मन में आने पर बाबूलाल उससे छलांग लगा कर अपना वादा पूरा कर सकें.
बाबूलाल फोबिया से ग्रस्त है झामुमो
झामुमो के इसी बयान पर अब भाजपा ने पलटवार किया है, और उसने कहा कि हेमंत सोरेने को मोराबादी में कुतुबमीनार की जगह होटवार जेल का निर्माण करना चाहिए, ताकि उसके माननीयों को दूर का सफर नहीं करना पड़े और वह आराम के साथ यहीं बैठकर होटवाल जेल का आनन्द उठा सकें.
अपने ताजातरीन हमले में भाजपा ने कहा कि बाबूलाल की ताजपोशी के साथ ही झामुमो में बाबूलाल फोबिया हो गया है. दिन रात उसे बस बाबूलाल की चिंता रहती है, उन्होंने कब क्या बोला, इसकी पड़ताल की जा रही है, जबकि उसे चिंता अपने उन माननीयों की करनी चाहिए थी, जो एक-एक कर होटवार जेल की ओर भागते नजर आ रहे हैं.
बाबूलाल के किन वादों की याद दिला रहा है झामुमो
यहां ध्यान रहे कि भाजपा से अपनी विदाई के वक्त बाबूलाल ने भाजपा को काफी खरीखोटी सुनाई थी, तब उन्होंने कहा था कि भविष्य में भाजपा में जाने के बजाय वह कुतुबमीनार से कूदना पसंद करेंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर वह भाजपा में वापस नहीं लौटेंगे, उनके इस बयान पर तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बाबूलाल को भाजपा का कोढ़ बताया था, कहा था कि तीसरी दुनिया के इस आदमी को भाजपा ने सीएम बनाया, लेकिन हकीकत यह है कि बाबूलाल को उनके गांव के लोग ही अपना नेता नहीं मानतें, जब बाबूलाल के गांव के लोग ही उन्हे अपना नेता नहीं मानते तब हम उन्हे अपना नेता क्यों मानेंगे?
लेकिन इस बयान के बाद खुद अपना चुनाव भी हार गये रघुवर दास
हालांकि बाबूलाल को जनाधारविहीन नेता बताने वाले रघुवर दास 2019 के विधान सभा चुनाव में अपनी विधान सभा की सीट भी नहीं बचा सके और अपने ही मंत्री सरयू राय से बूरी तरह से मात खा गयें और बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में आज भाजपा को उसी “भाजपा के कोढ़” को अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाना पड़ा, अब इन्ही बयानों के आधार पर झामुमो और भाजपा में वार पलटवार हो रहा है.