रांची(RANCHI):चंपई सरकार के बहुमत परीक्षण में भाग लेने के लिए ईडी अधिकारियों की घेराबंदी में पूर्व सीएम हेमंत विधान सभा पहुंच चुके हैं. कुछ देर बाद की विधान सभा के अंदर शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया शुरु होगी, हालांकि इस शक्ति परीक्षण को अब महज औपचारिकता ही मानी जा रही है, क्योंकि सारे आंकड़े चंपई सोरेन के पक्ष में है. लोबिन हेम्ब्रम से लेकर चमरा लिंडा और सीता सोरेन से लेकर बंसत सोरेन तक जिस नाराजगी की खबरें चलायी जा रही थी, सारे मामले सुलझ चुके हैं.
मीडिया के प्रति यह नाराजगी क्यों?
यहां ध्यान रहे कि कथित जमीन घोटाले में ईडी की ओर से गिरफ्तारी के बाद पूर्व सीएम हेमंत ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था, और उसके बाद महागठबंधन की ओर से चंपई सोरेन को नया नेता चुना गया था, जिसके बाद राजभवन की ओर से उन्हे अपना बहुमत साबित करने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया था, लेकिन सीएम चंपई सोरेन ने उसके पहले ही अपना बहुमत साबित करने का फैसला किया, हालांकि इस बीच विधायकों की नाराजगी और बहुमत साबित करने पर भाजपा की ओर से कई दावे किये गयें, दावा यह भी किया गया कि इस बार विरोध के स्वर सोरेन परिवार की ओर सी उठता नजर आ रहा है, सीता सोरेन से लेकर बसंत सोरेन के अंदर सीएम कुर्सी पर दावे किये जा रहे हैं, लेकिन झामुमो नेतृत्व ने बेहद आसानी के साथ इन कठिनाईयों को पार पा लिया. इस खबर यह भी है कि आज विधान सभा पहुंचने के बाद पूर्व सीएम हेमंत के चेहरे पर मीडिया कर्मियों के प्रति एक गुस्से की झलक देखी जा रही थी, अब यह नाराजगी क्यों है? इसके अलग अलग आकलन किये जा सकते हैं, लेकिन बहुत संभव है कि जिस तरह मीडिया की ओर से सूत्रों के हवाले सोरेन परिवार में नाराजगी की खबरों को परोसा जा रहा था, झामुमो इसे भाजपा के एजेंडे का प्रचार प्रसार मान रही है, उनका दावा है कि चंपई सोरेन या कल्पना सोरेन के प्रति कहीं किसी प्रकार की नाराजगी नहीं थी, लेकिन कई मीडिया चैनलों के द्वारा सूत्रों के हवाले यह खबर चला कर भाजपा के एंजेडे को फैलाया जा रहा था, बहुत संभव की मीडिया के प्रति इस आक्रोश का कारण यही हो.